विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, प्रोड्यूसर और एंटरप्रेन्योर दीपशिखा देशमुख ने पर्यावरण संकट से बचने के लिए मधुमक्खीपालन को एक शक्तिशाली रणनीति के रूप में समर्थन दिया है। इस पहल से पर्यावरण सुरक्षा के लिए उनका समर्पण औरसस्टेनेबल तरीकों के लिए उनका उत्साह साफ़ दिखाई देता है। उन्होंने इस पहल के माध्यम से एक आविष्कारशील औरपारंपरिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है। दीपशिखा देशमुख, अपने पति धीरज देशमुख के साथ मिलकर भारत में प्रमुख मधुमक्खी पालक के रूप में सामने आयी है। इसपहल से वह स्कारलेट जोहानसन, लियोनार्डो डिकैप्रियो, मार्था स्टीवर्ट और मॉर्गन फ़्रीमैन जैसे मशहूर हस्तियों द्वारा समर्थन दी जारही इस ग्लोबल मूवमेंट के साथ जुड़ गयी है। यह विकास हमारे जैविक तंत्र में परागणकर्ताओं के रूप में मधुमक्खियों द्वारा निभाईजाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। दीपशिखा ने इस बात पर जोर दिया है कि मधुमक्खियों के बिना, जहाँ तक हमारासवाल है, जीवन पूरी तरह से बदल जायेगा। दीपशिखा ने कहा, “हम इस समय भारत में गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।” “मधुमक्खियाँ प्रकृति के संतुलनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, पौधों के परागण और जैविक प्रणालियों का समर्थन करके जीवन की सामंजस्य की गारंटी देतीहैं। उनका योगदान अमूल्य है, और उन्हें संरक्षित करना हमारे ग्रह की सुरक्षा के बराबर है। मौजूदा जलवायु आपातकाल को देखतेहुए, मधुमक्खियों की वकालत करना सर्वोपरि है क्योंकि वे पौधों की वृद्धि में सहायक होती हैं, जो सभी जीवों के अस्तित्व केलिए आवश्यक है। एक अभिभावक के रूप में, मेरा मानना है कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना हमारे बच्चों के लिए एकउज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।” विश्व पर्यावरण दिवस पर मधुमक्खी पालन के लिए दीपशिखा और धीरज देशमुख का समर्थन पर्यावरणीय चुनौतियों कासमाधान करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।