कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने फिर मांगा PM नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त, जानिए पूरा मामला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फिर PM नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त मांगा। उन्होंने पीएम को चिट्‌ठी लिखी। इसमें कहा कि वे पीएम को कांग्रेस का न्याय पत्र (मैनिफेस्टो) समझाना चाहते हैं, ताकि वे देश के प्रधानमंत्री के तौर पर ऐसे बयान न दें, जो गलत हैं। दो पेज के इस पत्र में उन्होंने लिखा कि पीएम ने हालिया भाषणों में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे वे बिल्कुल हैरान या अचंभित नहीं हैं। इससे पहले खड़गे ने 22 अप्रैल को पीएम से मिलने का समय मांगा था। खड़गे ने चिट्‌ठी में कहा, आपके सलाहकार आपको उन चीजों के बारे में गलत जानकरी दे रहे हैं, जो हमारे न्याय पत्र में हैं भी नहीं। इसलिए मुझे आपसे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर आपको अपना मैनिफेस्टो समझाने में खुशी मिलेगी। इस बात की उम्मीद थी कि पहले फेज की वोटिंग में बीजेपी का खराब प्रदर्शन देखकर आप और आपकी पार्टी के नेता इसी तरह की भाषा में बात करेंगे। कांग्रेस गरीबों और उनके न्याय की बात करती आई है। हमें पता है कि आप और आपकी सरकार को गरीब और वंचितों की कोई परवाह नहीं है। आपकी सूट-बूट की सरकार कॉर्पोरेट के लिए काम करती है, जिसके टैक्स आपने कम कर दिए हैं, जबकि सैलरी क्लास को ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है। गरीब को खाने और नमक पर भी ज्यादा GST देना पड़ रहा है, जबकि अमीर कॉर्पोरेट GST रिफंड क्लेम कर रहा है। इसलिए जब हम गरीब और अमीर के बीच बराबरी की बात करते हैं, तो आप उसे जानबूझकर हिंदू और मुस्लिम पर ले जाते हैं।

हमारा मैनिफेस्टो देश के लोगों के लिए हैं, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन या बौद्ध हों। मुझे लगता है कि आप अब तक आजादी के पहले के अपने साथियों, मुस्लिम लीग और अंग्रेजों को नहीं भूले हैं। कांग्रेस ने हमेशा गरीबों को सशक्त करने के लिए काम किया है और मोदी सरकार ने नोटबंदी के जरिए गरीबों का पैसा लूटने का काम किया है। आपकी सरकार ने गरीबों का जमा कराया हुआ पैसा अमीरों को लोन के तौर पर ट्रांसफर करने के लिए नोटबंदी को व्यवस्थित लूट और कानूनी डकैती के रूप में इस्तेमाल किया। 2014 से अब तक आपकी सरकार ने लाखों-करोड़ों के कॉर्पोरेट लोन माफ किए हैं, वही गरीब से अमीर को किया गया संपत्ति का ट्रांसफर है। आपने किसी किसान का लोन, कारीगर का लोन, MSME का लोन या स्टूडेंट का लोन माफ नहीं किया। बीजेपी   सरकार ने लगातार गरीबों और पिछड़े वर्ग की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों से मुंह फेरा है। आज आप मंगल सूत्र की बात करते हैं। क्या आपकी सरकार मणिपुर की महिलाओं, दलित लड़कियों पर हुए अत्याचार और बलात्कारियों को माला पहनाने के लिए जिम्मेदार नहीं है? जब आपकी सरकार में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तो आप उनके बीवी-बच्चों को कैसे सुरक्षा दे रहे हैं? मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप उस नारी न्याय के बारे में पढ़ें, जिसे हम अपनी सरकार बनने पर अमल में लाएंगे। ये आपकी आदत बन गई है कि आप पूरी बात में से कुछ शब्द उठाकर उसे गलत तरीके से पेश करते हैं और उससे सांप्रदायिक बंटवारा करते हैं। आप ऐसी बातें करके प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम कर रहे हैं। जब ये सब खत्म हो जाएगा, तो लोग याद रखेंगे कि देश के प्रधानमंत्री ने एक चुनाव में हार के डर से इतनी अभद्र भाषा का प्रयोग किया।

दरअसल, पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रैली में कहा कि कांग्रेस और INDI गठबंधन है, जिसका मंत्र है कि जहां भी सत्ता पाओ खूब मलाई खाओ। कांग्रेस पार्टी अपने कुकर्मों के कारण देश में जनता का समर्थन खो चुकी है। नतीजतन, वे अब फूट डालो और राज करो की रणनीति अपना रहे हैं। उन्होंने अपने घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की याद दिलाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया है। साथ ही उनका एक सांसद भारत के विभाजन की मांग कर रहा है।

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