मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर 15 अप्रैल को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अप्रैल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 15 अप्रैल को सुनवाई होगी। केजरीवाल ने शराब नीति केस में ED की गिरफ्तारी और रिमांड पर हाईकोर्ट के 9 अप्रैल के फैसले को चुनौती दी है। केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने मामले पर तुरंत सुनवाई और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। वहीं, केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद मेरी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी। ED ने मुझे गिरफ्तार करके अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। गिरफ्तारी के आधार ऐसे दस्तावेज हैं, जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लोकसभा चुनावों में भाग लेने के लिए मुझे तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो चुनाव से पहले विपक्ष के नेताओं को झूठे आरोपों में गिरफ्तार करना सत्ताधारी पार्टियों के लिए एक मिसाल बन जाएगा।

दरअसल, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल बार-बार समन भेजने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए। इसलिए ED के पास उन्हें गिरफ्तार करने का ही विकल्प बचा था। ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए शराब घोटाले का पैसा भेजा गया था। केजरीवाल ने कहा था कि ED के पास पिछले 9 महीने से ऐसे बयान थे। इसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कानून के हिसाब से होगी ना कि चुनाव की टाइमिंग को देखकर

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर 15 अप्रैल को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 15 अप्रैल को सुनवाई होगी। केजरीवाल ने शराब नीति केस में ED की गिरफ्तारी और रिमांड पर हाईकोर्ट के 9 अप्रैल के फैसले को चुनौती दी है। केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने मामले पर तुरंत सुनवाई और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। वहीं, केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद मेरी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी। ED ने मुझे गिरफ्तार करके अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। गिरफ्तारी के आधार ऐसे दस्तावेज हैं, जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लोकसभा चुनावों में भाग लेने के लिए मुझे तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो चुनाव से पहले विपक्ष के नेताओं को झूठे आरोपों में गिरफ्तार करना सत्ताधारी पार्टियों के लिए एक मिसाल बन जाएगा।

दरअसल, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल बार-बार समन भेजने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए। इसलिए ED के पास उन्हें गिरफ्तार करने का ही विकल्प बचा था। ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए शराब घोटाले का पैसा भेजा गया था। केजरीवाल ने कहा था कि ED के पास पिछले 9 महीने से ऐसे बयान थे। इसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कानून के हिसाब से होगी ना कि चुनाव की टाइमिंग को देखकर

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