रूस ने की अपने कापुस्तिन यार रेंज से टॉप सीक्रेट इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की टेस्टिंग, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अप्रैल,  रूस ने अपने कापुस्तिन यार रेंज से टॉप सीक्रेट इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की टेस्टिंग की है। रूसी मीडिया RT के मुताबिक, यह मिसाइल परमाणु हमले में सक्षम है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस मिसाइल के परीक्षण की पुष्टि की। मंत्रालय ने कहा कि यह मिसाइल रूस की सुरक्षा को पुख्ता करने में मदद करेगी। RT के मुताबिक, ICBM एक सॉलिड फ्यूल मिसाइल है, जो थर्मो-न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। इसे जमीन पर किसी एक जगह या चलते वाहन पर भी तैनात किया जा सकता है। हालांकि, इसकी क्षमताओं और खासियत को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। इससे पहले रूस ने अपनी हाइपरसोनिक न्यूक्लियर मिसाइल की पहली रेजिमेंट तैनात की। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने राष्ट्रपति पुतिन को इसकी जानकारी दी। 

हालांकि, रूस ने यह मिसाइल कहां तैनात की है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। रॉयटर्स के मुताबिक, इस सिस्टम का नाम ऐवानगार्ड है। राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक, रूस के नई जेनरेशन वाले परमाणु हथियार दुनिया के किसी भी कोने में हमला कर सकते हैं। यह किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए अटैक करने में सक्षम हैं। फिलहाल किसी भी देश के पास हाइपरसोनिक हथियार नहीं हैं। रूस अभी RS-24 यार्स मिसाइलों का इस्तेमाल करता है। रूसी भाषा में ‘यार्स’ शब्द का अर्थ ‘एटमी हमले को रोकने वाला रॉकेट’ होता है। RS-24 यार्स के जरिए रूस ने अपने RT-2PM2 टोपोल-M मिसाइल सिस्टम को रिप्लेस किया था। हालांकि, पिछले कुछ समय से आ रही खबरों में दावा किया गया था कि रूस RS-24 का एडवांस सिस्टम बना रहा है।

रूस ने की अपने कापुस्तिन यार रेंज से टॉप सीक्रेट इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की टेस्टिंग, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रूस ने अपने कापुस्तिन यार रेंज से टॉप सीक्रेट इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की टेस्टिंग की है। रूसी मीडिया RT के मुताबिक, यह मिसाइल परमाणु हमले में सक्षम है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस मिसाइल के परीक्षण की पुष्टि की। मंत्रालय ने कहा कि यह मिसाइल रूस की सुरक्षा को पुख्ता करने में मदद करेगी। RT के मुताबिक, ICBM एक सॉलिड फ्यूल मिसाइल है, जो थर्मो-न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। इसे जमीन पर किसी एक जगह या चलते वाहन पर भी तैनात किया जा सकता है। हालांकि, इसकी क्षमताओं और खासियत को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। ​​​​​इससे पहले रूस ने अपनी हाइपरसोनिक न्यूक्लियर मिसाइल की पहली रेजिमेंट तैनात की। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने राष्ट्रपति पुतिन को इसकी जानकारी दी। 

हालांकि, रूस ने यह मिसाइल कहां तैनात की है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। रॉयटर्स के मुताबिक, इस सिस्टम का नाम ऐवानगार्ड है। राष्ट्रपति पुतिन के मुताबिक, रूस के नई जेनरेशन वाले परमाणु हथियार दुनिया के किसी भी कोने में हमला कर सकते हैं। यह किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए अटैक करने में सक्षम हैं। फिलहाल किसी भी देश के पास हाइपरसोनिक हथियार नहीं हैं। रूस अभी RS-24 यार्स मिसाइलों का इस्तेमाल करता है। रूसी भाषा में ‘यार्स’ शब्द का अर्थ ‘एटमी हमले को रोकने वाला रॉकेट’ होता है। RS-24 यार्स के जरिए रूस ने अपने RT-2PM2 टोपोल-M मिसाइल सिस्टम को रिप्लेस किया था। हालांकि, पिछले कुछ समय से आ रही खबरों में दावा किया गया था कि रूस RS-24 का एडवांस सिस्टम बना रहा है।

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