Anil Ambani ने रिलायंस पावर व रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक पद से दिया इस्तीफा

मुंबई, 26 मार्च – भारतीय अर्थजगत में कल देर रात एक घटना ने झकझोड़ कर रख दिया। हालांकि यह अप्रत्याशित घटना नहीं थी, बल्कि इसकी पृष्ठभूमि महीनों पहले रखी जा चुकी थी। कल देर रात देश के दिग्गज उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने अपनी दो कंपनियों (रिलायंस पावर व रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर) के निदेशक पद से इस्तीफा (Anil Ambani Resignation) दे दिया। मामला रिलायंस होम फाइनेंस में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है। बता दें कि आज से कुछ दिन पहले ही मुकेश अंबानी के समधी की कंपनी पिरामल कैपिटल ने भी अनिल अंबानी की कंपनियों को बकाया राशि के लिए एनसीएलटी में घसीटा है।

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि अनिल अंबानी (Anil Ambani) गैर-कार्यकारी निदेशक, सेबी के अंतरिम आदेश के अनुपालन के तहत यह कदम उठाया है। एक्सचेंज फाइलिंग में, दोनों कंपनियों (रिलायंस पावर व रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर) ने कहा कि बोर्ड इस मामले को जल्द से जल्द बंद करने और सभी हितधारकों के हित में कंपनी को अपना दृष्टिकोण और नेतृत्व प्रदान करने के लिए श्री अंबानी को वापस आमंत्रित करने के लिए तत्पर है।

मगर यह बयान प्रासंगिक नहीं दिखता, क्योंकि सेबी के अंतरिम आदेश के लगभग 45 दिनों के बाद, अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने रिलायंस इंफ्रा और रिलायंस पावर से निदेशक का पद छोड़ा है।

ज्ञात हो कि अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और रिलायंस पावर लिमिटेड के बोर्ड से कल शुक्रवार देर शाम को इस्तीफा दे दिया। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के 11 फरवरी 2022 के आदेश में उन्हें और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के अन्य निदेशकों को किसी भी सूचीबद्ध में निदेशक के रूप में छोड़ने के लिए कहा था । यह मामला RHFL द्वारा जुड़ी संस्थाओं को दिए गए ₹8,470.65 करोड़ के सामान्य प्रयोजन के कॉर्पोरेट ऋण में अनियमितताओं से संबंधित है, जिसके तहत सेबी ने यह प्रतिबंध लगाया था।

मगर इसके साथ ही रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने एक्सचेंज फाइलिंग में यह भी कहा है कि बोर्ड ने नोट किया कि पिछले एक साल के दौरान, कंपनी ने अपने लगभग 800,000 शेयरधारकों के लिए अत्यधिक मूल्य बनाया है, जिसमें शेयर की कीमत 32 रूपए के निचले स्तर से बढ़कर 150 रूपए हो गई है। रिलायंस पावर पिछले एक साल में शेयर की कीमत 4 रूपए के निचले स्तर से 19 रूपए के उच्च स्तर तक ले जाने के लिए अंबानी के नेतृत्व को श्रेय दिया। और उनके जल्द ही बोर्ड में वापस आने की उम्मीद जताई है। मगर बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार यह बयान दोनों कंपनियों के शेयरों में आकस्मिक गिरावट को रोकने के लिए दिया जा है।

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