खेत की खुदाई में मिली अंग्रेजों की तोप, 50 टन है इसका वजन

Britishers Cannon : मुजफ्फरनगर के एक गांव में मिली ब्रिटिशकालीन तोप
1857 की लड़ाई में किया गया था तोप का इस्तेमाल

 

नई दिल्ली। धरती के गर्त में कई ऐसी कीमती चीजें छिपी होती है, जिसका अंदाजा तक हमें नहीं होता है। तभी अक्सर खेतों या जमीन की खुदाई में ऐसी दुलर्भ वस्तुएं मिलती हैं। मुजफ्फरनगर (Muzzafarnagar) में भी एक खेत की खुदाई (Digging field) के दौरान एक पुरानी तोप मिली है। बताया जाता है कि ये अंग्रेजों के काल की है। इसका इस्तेमाल सन 1857 की लड़ाई में हुआ था।

किसिंग सीन पर कोरोना वायरस का कहर पड़ा भारी, ताइवान में लिया गया अहम फैसला

तोप (Cannon) की सफाई का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) करा रहा है। एएसआई विशेषज्ञों के मुताबिक यह तोप ब्रिटिशकालीन (Britishers) है। इस तोप की नाल और दांयी ओर का हुड टूटा हुआ है। तोप के ऊपर ब्रिटिश सरकार का चिन्ह भी अंकित है। एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार के मुताबिक तोप की लंबाई करीब 2.8 मीटर है। जबकि इसमें से पांच इंच व्यास का गोला चलाया जाता था। यह तोप बेहद उच्च गुणवत्ता की धातुओं से बनी है।

ब्रिटिशकालीन तोप का वजन लगभग 50 टन है। यह हरिनगर गांव में किसान विनोद कश्यप के खेत में से निकली है। इसी गांव से 40 साल पहले भी दो तोपें निकल चुकी हैं, जो इस समय मुजफ्फरनगर के डीएम और एसएसपी के आवास पर रखीं हैं। तोप के पीछे और आग लगाने के हिस्से पर मिट्टी और जंक लगी हुई है। इसलिए इसकी सफाई के लिए केमिकल क्लीनिंग कराई जा रही है। मालूम हो कि 1857 की आजादी की लड़ाई में पुरकाजी के लोगों ने अंग्रेजी सेना से डटकर सामना किया था। क्रांतिकारियों से हारकर भागे अंग्रेज तब गोला बारूद और तोपें छोड़कर भाग गए थे।

Jasus is a Masters in Business Administration by education. After completing her post-graduation, Jasus jumped the journalism bandwagon as a freelance journalist. Soon after that he landed a job of reporter and has been climbing the news industry ladder ever since to reach the post of editor at Our JASUS 007 News.