Syed zafar islam biography IN HINDI ! SYED ZAFAR ISLAM JIVNI ! BJP

जानिए जफर इस्लाम के बारे में

 

  • जफर इस्लाम भाजपा के प्रवक्ता और मीडिया के लिए जाना-माना चेहरा हैं। उन्होंने सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने को लेकर सभी प्रक्रियाओं को सुगम बनाया।
  • राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम किया करते थे।
  • जफर इस्लाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए। बाद में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता पद का प्रभार भी सौंपा गया।
  • जफर इस्लाम स्वभाव से मृदुभाषी हैं और उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी अच्छा संबंध बताया जाता है।
  • सूत्रों के अनुसार, जफर इस्लाम का सिंधिया के साथ अच्छे संबंध हैं। वे अक्सर मिला करते हैं। इसलिए सिंधिया को भाजपा में लाने की जिम्मेदारी जफर इस्लाम को सौंपी गई।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिंधिया की मुलाकात के दौरान जफर इस्लाम भी 7 लोक कल्याण मार्ग में मौजूद थे। वह गृह मंत्री अमित शाह और सिंधिया के साथ पीएम आवास पहुंचे थे।

 

 

भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले चुके सिंधिया राजघराने के चश्मोचिराग ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में आने से पहले मॉर्गन स्टेनली में एक इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम करते थे। सिंधिया के बारे में यह बात किसी से छिपा नहीं है। लेकिन यही बात सालों बाद उनके भाजपा में शामिल होने के लिए उनके लिए कड़ी जोड़ने का काम करेगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।

यह बात भी राजनीति के गलियारों में आम हो रही है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ड्यूश बैंक के पूर्व इंवेस्टमेंट बैंकर सैयद जफर इस्लाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी में लाने के लिए बाकायदा पटकथा लिखी। दरअसल, दोनों ही नेताओं के एक आपसी मित्र के माध्यम से करीब छह महीने पहले यह पटकथा लिखी गई।

लुटियन दिल्ली के कई होटलों में खाने की मेज पर हुई जफर, सिंधिया और उनके एक मित्र की मुलाकातों ने इस पटकथा की नींव रखी थी। उस मित्र के माध्यम से ही मुलाकातों को दौर बढ़ा। इसी दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में शुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की रूपरेखा तय हुई।

इसी क्रम में करीब दो महीने पहले 49 वर्षीय सिंधिया की गृहमंत्री अमित शाह से पहली मुलाकात हुई, तब शाह ही पार्टी अध्यक्ष हुआ करते थे। यह केवल एक सामान्य मुलाकात भर नहीं थी, इसके बाद सिंधिया और शाह के बीच करीब आधा दर्जन मुलाकातें और हुईं।

इस दौरान जफर लगातार सिंधिया और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच किसी सेतु की तरह काम कर रहे थे। वहीं भाजपा भी जफर और उनकी निर्णय क्षमता पर यकीन करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। इसी घटनाक्रम के बाद सिंधिया ने ऐन होली पर्व वाले दिन कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर उसका दामन छोड़ दिया।

 

 

सिंधिया को ग्वालियर जाना था, लेकिन…

 

इसी दिन सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की जयंती भी थी और ज्योतिरादित्य इस मौके पर ग्वालियर जाने वाले थे। परंतु वह लोधी होटल गए और जफर से मिलकर चाय पर चर्चा की। इसके बाद दोनों नेता होटल से कौटिल्य मार्ग स्थित गुजरात भवन पहुंचे। गुजरात भवन से गृहमंत्री अमित शाह की कार में बैठकर तीनों नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे।

इस मुलाकात के बाद जफर और सिंधिया दोनों को ही वापस गुजरात भवन लाकर छोड़ दिया गया। इस घटनाक्रम से बंगलूरू में ठहरे मध्यप्रदेश के सिंधिया के समर्थक विधायकों को मौके और सियासत की नजाकत भांपने में देर नहीं लगी। हालांकि बुधवार को जब सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली तो इस बात ने कांग्रेस पार्टी ही नहीं और भी कई लोगों को चौंका दिया।

लेकिन आखिरकार उन्होंने इस तरह से परिवर्तन और एक ‘निवेश की कहानी’ लिख डाली। हालांकि इसी के साथ कांग्रेस का सिंधिया राजघराने से राजनैतिक संबंध भी खत्म हो गए। बहरहाल, सिंधिया के पार्टी परिवर्तन में एक व्यक्ति जिनकी सबसे बड़ी भूमिका रही वह जफर इस्लाम ही हैं।

 

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bjp spokesperson

 

Jasus is a Masters in Business Administration by education. After completing her post-graduation, Jasus jumped the journalism bandwagon as a freelance journalist. Soon after that he landed a job of reporter and has been climbing the news industry ladder ever since to reach the post of editor at Our JASUS 007 News.