सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति मामले में केजरीवाल की जमानत पर नहीं दिया फैसला, जानिए पूरा मामला

दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाए बिना सुप्रीम कोर्ट की बेंच उठ गई। लंच से पहले तक कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय कर ली थीं। जिसके बाद ईडी ने कहा कि केजरीवाल के वकील को 3 दिन सुना गया। हमें भी पर्याप्त समय दिया जाए। अदालत ने जमानत का विरोध कर रही ईडी से कहा कि चुनाव चल रहे हैं और केजरीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार आते हैं। अदालत ने केजरीवाल से कहा कि हम आपको जमानत दे देते हैं तो आप ऑफिशियल ड्यूटी नहीं करेंगे। हम नहीं चाहते कि आप सरकार में दखलअंदाजी करें। अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, हम किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। शर्त है कि एलजी किसी भी काम को इस आधार पर ना रोकें कि फाइल पर साइन नहीं है। ऐसा कुछ नहीं बोलूंगा, जो नुकसान पहुंचाने वाला हो।

तो वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और आम आदमी में फर्क किया जाना सही नहीं है। राजनेताओं के लिए अलग कैटेगरी ना बनाएं। जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। लंच के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा, फिलहाल हम देखते हैं कि दलीलें खत्म होती हैं या नहीं। अगर नहीं तो परसों (9 मई) की डेट देंगे। अगर संभव नहीं हुआ तो अगले हफ्ते की तारीख देंगे। साथ ही, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई थी। 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उन्हें 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेजा गया। 1 अप्रैल से वे तिहाड़ जेल में हैं।

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