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Aaj Ka Rashifal: आपका आज का दिन कैसा रहेगा? जानें राशिफल और उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति की कुंडली में ग्रह, नक्षत्र और राशियों की स्थिति देखकर उसके भविष्य के बारे में पहले से ही पता लगाया जा सकता है। आप भी जान सकते हैं कि करियर, नौकरी, लव लाइफ, सेहत और बिजनेस के मामले में आपका आने वाला कल कैसा रहेगा। आइए जानते हैं आज…
क्या होगा अगर चैटजीपीटी बहुत ज़्यादा बुद्धिमान हो जाए? आप भी जानें
ओपनएआई सीटीओ हाल ही में अपने अल्मा मेटर, डार्टमाउथ इंजीनियरिंग में थीं, जहाँ उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य, चैटजीपीटी की अगली पीढ़ी और इसकी पीएचडी-स्तर की बुद्धिमत्ता के बारे में विस्तार से बात की। मुराती का कहना है कि GPT-3 में टॉडलर-स्तर की बुद्धिमत्ता थी, GPT-4 में हाई-स्कूलर की बुद्धिमत्ता थी, और मॉडल की अगली…
एयरलाइन इंडिगो ने WhatsApp पर अपना AI बुकिंग असिस्टेंट 6Eskai किया लॉन्च
फ्लाइट बुक करना अब और भी मजेदार हो गया है। भारत की पसंदीदा एयरलाइन इंडिगो ने WhatsApp पर अपना AI बुकिंग असिस्टेंट 6Eskai लॉन्च करके सब कुछ बदल दिया है। जी हाँ, आपने सही सुना – अब आप दोस्तों से चैट करते हुए अपनी यात्रा की योजनाएँ तय कर सकते हैं। यह कितना मजेदार है?…
गैसलाइटिंग से खुद को बचाने के लिए कुछ बेहतर तरीके, आप भी जानें
गैसलाइटिंग मनोवैज्ञानिक हेरफेर का एक रूप है, जिसमें दुर्व्यवहार करने वाला पीड़ित को उसकी अपनी वास्तविकता, स्मृति या धारणाओं पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करता है। इस रणनीति का उपयोग नियंत्रण प्राप्त करने और निर्भरता बनाने के लिए किया जाता है, जिससे पीड़ित भ्रमित, चिंतित और आत्म-संदेह महसूस करता है। “यह मनोवैज्ञानिक हेरफेर, भावनात्मक…
खूबसूरत जगहों पर बिताये अपनी गर्मी के दिन, आप भी जानें जगहों के बारे में
तापमान बढ़ रहा है और साथ ही हर किसी की छुट्टियाँ मनाने की इच्छा भी बढ़ रही है। अगर आप भी विदेश में खूबसूरत जगहों पर अपनी गर्मी के दिन बिताने की योजना बना रहे हैं, तो हमारे पास कुछ सुझाव हैं। जब हम यूरोप में छुट्टियाँ मनाने के बारे में सोचते हैं, तो तुरंत…
आप भी जानें ऐसी आदतों को जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को करती हैं तेज़
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से न केवल आपकी आयु बढ़ती है, बल्कि उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षण भी दूर होते हैं। हालांकि आनुवंशिकी मुख्य कारक लग सकती है, लेकिन स्वस्थ आदतों का पालन करके और अनुशासित रहकर युवा दिखना संभव है। ये आदतें उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को जादुई रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इसके…
करण देओल और दृशा आचार्य ने एम्स्टर्डम में मनाई अपनी पहली शादी की सालगिरह
बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल के बेटे करण देओल और उनकी पत्नी दृशा आचार्य दुबई और एम्स्टर्डम में रोमांटिक छुट्टियों के साथ अपनी पहली शादी की सालगिरह मनाकर एक खास उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। पिछले साल 18 जून को मुंबई में शादी के बंधन में बंधे इस जोड़े ने अपनी सालगिरह के जश्न की झलकियाँ…
सेलिब्रिटी न्यूज़: सोनाक्षी सिन्हा और ज़हीर इकबाल शादी के लिए तैयार
बॉलीवुड स्टार सोनाक्षी सिन्हा और ज़हीर इकबाल अपनी बहुप्रतीक्षित शादी की तैयारियों को लेकर मुंबई में उत्साह का माहौल है, जो 23 जून, 2024 को होने वाली है। इस जोड़े ने, जिन्होंने अफवाहों के बीच अपने रिश्ते को निजी रखा है, आखिरकार अपनी शादी को आधिकारिक बना रहे हैं। ‘दबंग’ और ‘लुटेरा’ जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों…
कमजोर निर्देशन का शिकार हुई जुनैद खान की डेब्यू फिल्म महाराज
कमजोर निर्देशन का शिकार हुई जुनैद खान की डेब्यू फिल्म महाराज फिल्म – महाराजकास्ट – जुनैद खान, शरवरी वाघ, जयदीप अहलावत, शालीनी पांडेयडायरेक्टर – सिद्धार्थ पी मल्होत्राडियूरेशन – 131 मिनट्सप्लेटफार्म – नेटफ्लिक्सरेटिंग – 2 अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान (Junaid Khan) बतौर कलाकार फिल्मी दुनिया में कदम रख चुके हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स कीफिल्म महाराज के जरिए जुनैद का डेब्यू हो गया है। भारी विवाद के बाद महाराज रिलीज हो गई है। आइए जानते हैं कि फिल्म की कहानी क्या है औरदर्शकों पर ये मूवी अपनी छाप छोड़ने में सफल होती है या नहीं। अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान (Junaid Khan) की फिल्म महाराज आखिरकार नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। यह फिल्म साल 1862 के महाराज मानहानि मुकदमा (लाइबल केस) पर आधारित है, जिस पर बाम्बे हाई कोर्ट के समक्ष बहस हुई थी। यह फिल्म उस समय के प्रख्यात गुजराती पत्रकार और समाजसेवी करसनदास मुलजी पर बनी है, जो लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकारों औरसामाजिक बदलाव के कट्टर समर्थक थे। करनदास ने उस दौरान धार्मिक गुरु द्वारा भक्ति की आड़ में महिलाओं अनुयायियों के यौन शोषण को उजागरकिया था। सत्य घटना पर आधारित महाराज का विषय दमदार है पर न तो फिल्म ही जुनैद प्रभाव छोड़ पाते हैं। गुजरात के वडाल में वैष्णव कुटुंब में करसनदास के जन्म के साथ कहानी का आरंभ होता है। करसन को दास होने पर बचपन से ही आपत्ति होती है।बचपन से ही जिज्ञासाओं के चलते तमाम सवाल करता है। दस वर्ष की आयु में मां के निधन के बाद उसकी जिंदगी का रुख बदल जाता है। मामा उसेअपने साथ बांबे ले आते हैं। यह उस समय गुजराती व्यवसायियों के कपास का गढ़ था। बॉम्बे में उस समय वैष्णवों की सात हवेलियां हुआ करती थी। वहां पर हुकुमत अंग्रेजों की थी, लेकिन माना हवेली के मुख्य महाराज जदुनाथ महाराजउर्फ जेजे (जयदीप अहलावत) को जाता था। इस हवेली के पास ही कसरन (जुनैद) के मामा का घर था। युवा करसन अखबारों के लिए लेख लिखाकरता था। उसके लेख समाज के प्रभावशाली लोग भी पढ़ते थे। करसन की सगाई किशोरी (शालिनी पांडेय) से हो चुकी होती है। किशोरी कीमहाराज में गहरी आस्था होती है।चरण सेवा के नाम पर वह भी महाराज को समर्पित हो जाती है। करसनदास सगाई तोड़ देता है। उधर मासूम किशोरीको समझ आता है महाराज पाखंडी है। वह आत्महत्या कर लेती है। उसकी आत्महत्या से क्षुब्ध करसन पाखंडी महाराज की असलियत सामने लाने काबीड़ा उठा लेता है। उसके खिलाफ अखबार में लेख लिखना आरंभ करता है। महाराज तिलमिला कर उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करता है।इस सफर में करसन के साथ विराज (शरवरी वाघ) भी आती है। सिद्धार्थ पी मल्होत्रा निर्देशित यह फिल्म महिलाओं का पक्ष समुचित तरीके से नहीं दिखा पाती है। उन्हें अंध भक्त दिखाती है, ऐसे में उनके पति कैसेचुप रहे? उन्होंने कभी विरोध क्यों नहीं किया? उसका जवाब नहीं मिलता। महिलाओं के शोषण से जुड़ी यह फिल्म महाराज के पक्ष को भी बहुतप्रभावी तरीके से नहीं दिखा पाती है। सब कुछ सपाट तरीके से होता जाता है। न लोगों में रोष होता है न दर्शकों में उत्साह। कहते हैं कि सच्चाई बेहदकड़वी होती है, लेकिन जब सामने आती है तो होश उड़ जाते हैं। यहां पर वैसा बिल्कुल नहीं होता। जबकि यह विषय ऐसा है जिसमें असलियत सामनेआने के बाद लोगों में आक्रोश होना चाहिए। परदे पर यह बेहद ठंडा नजर आता है। 1860 के दौर में सेट इस फिल्म का परिवेश विश्वसनीय नहींलगता है। कोर्ट रूम ड्रामा में दलीलें और जिरह है लेकिन कोई रोमांच या तनाव पैदा नहीं होता। कोर्ट रूम ड्रामा वर्तमान के मीटू आंदोलन की याद जरूरताजा करती है। कलाकारों की बात करें तो जुनैद की यह पहली फिल्म है। बिना प्रचार प्रसार के रिलीज हुई इस फिल्म में वह एक समान भावों में ही नजर आए हैं।शरवरी अपनी गुजराती शैली और अंदाज में प्रभावित करती हैं। शालिनी पांडेय अपनी भूमिका के अनुकूल मासूम दिखी हैं। हालांकि उनके किरदार मेंगहराई का अभाव है। उनके किरदार से कोई सहानुभूति नहीं होती। जयदीप अहलावत अपने धर्म गुरु की भूमिका में वह उस रौब और प्रभाव पैदा करनेमें कामयाब रहते हैं. कहानी में दम हैं, कलाकार सब अच्छे है, लेकिन डायरेक्टर फिर भी दर्शको को कुछ नया दिखाने में, या अपनी और खींच पाने में कामयाब नहीं होपाता. और आपको सबसे ज़्यादा निराशा यश राज फिल्म्स और नेटलफ़िक्स से होती हैं, जो शायद कही बेहतर तरीके से इस कहानी को कह सकते थे. afzal memonjasus007.com
पिल मोशन पोस्टर रिलीज़, रितेश देशमुख मुख्य भूमिका में
नई सीरीज़ पिल के निर्माताओं ने शो का मोशन पोस्टर रिलीज़ किया, जिसमें रितेश देशमुख मुख्य भूमिका में हैं, यह सीरीज़ दवा उद्योग की अंधेरी और भ्रष्ट दुनिया के खिलाफ़ है। जियो सिनेमा ने सीरीज़ का मोशन पोस्टर शेयर किया, जिसमें लिखा था, “आपकी दवा वास्तव में किस चीज़ से बनी है? पिल, 12 जुलाई…