थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को संवैधानिक कोर्ट ने पद से हटाया, जानिए पूरा मामला

थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को संवैधानिक कोर्ट ने पद से हटा दिया है। उन पर कैबिनेट में एक क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले वकील को शामिल करने का आरोप था। कोर्ट ने प्रधानमंत्री श्रेथा के इस कदम को नैतिकता का उल्लंघन बताते हुए दोषी ठहराया है। संवैधानिक कोर्ट की 9 जजों की बैंच ने ये फैसला 5-4 के बहुमत से दिया है। ​​​​प्रधानमंत्री ​​​श्रेथा के खिलाफ पूर्व सीनेटर्स ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। इन सभी सीनेटर्स को पिछली जंटा सरकार ने नियुक्त किया था। इस फैसले के बाद थाईलैंड में राजनीतिक संकट खड़ा गया है। इससे पहले पिछले हफ्ते संवैधानिक कोर्ट ने मुख्य विपक्षी मूव फॉरवर्ड पार्टी को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही इसके सभी नेताओं पर 10 साल तक के लिए बैन लगा दिया था। मूव फॉरवर्ड पार्टी ने पिछले साल हुए चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं।

वहीं, कोर्ट ने अपने आदेश में थाईलैंड सरकार के मंत्रिमंडल को भी भंग कर दिया है। अब इसके बाद नए सिरे से प्रधानमंत्री को नियुक्त किया जाएगा। फू थाई पार्टी के नेतृत्व वाला सत्ताधारी गठबंधन अब प्रधानमंत्री पद के लिए नया नाम देगा। नए नाम की घोषणा के लिए थाईलैंड की 500 सदस्यों वाली संसद में वोटिंग की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रेथा ने जानबूझकर क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को कैबिनेट में शामिल किया है। कैबिनेट में शामिल होने वाले वकील का नाम पिचित चुयेनबान है, जिसे 2008 में एक मामले में दोषी ठहराया गया था।

आपको बता दें, प्रधानमंत्री श्रैथा सिर्फ ही एक साल सत्ता में रह पाए। वे 22 अगस्त 2023 को थाईलैंड के प्रधानमंत्री बने थे। संवैधानिक कोर्ट ने इससे पहले भी फू थाई पार्टी के तीन प्रधानमंत्रियों को पद से हटाया है। थाईलैंड में सत्ताधारी गठबंधन में फू थाई पार्टी के अलावा 10 पार्टियां शामिल हैं। इस गठबंधन के सांसदों की कुल संख्या 314 है। थाईलैंड की नेशनल असेंबली में फिलहाल 493 सांसद हैं। प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 247 सांसदों का समर्थन जरूरी है। फिलहाल प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे पहला नाम 37 साल की पेइतोनगर्न शिनवात्रा का है। वे फू थाई पार्टी के अरब पति नेता थाक्सिन शिनवात्रा बेटी है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री पद के लिए उनका नाम सामने आ चुका है।