सुप्रीम कोर्ट में AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत से जुड़ी दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। एक याचिका CBI की जांच वाले भ्रष्टाचार मामले में है। वहीं, दूसरी ED की जांच वाले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में है। दोनों याचिकाएं शराब नीति केस में जमानत से जुड़ी हुई हैं। कोर्ट में ED ने मनीष की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं जो यह दर्शाते हैं कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया शामिल हैं। यह कोई मनगढ़ंत मामला नहीं है। मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने की। ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं। सिसोदिया की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत से जुड़ी दो याचिकाओं पर की सुनवाई, जानिए पूरा मामला
आपको बता दें, दिल्ली पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया ने शराब नीति घोटाल से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में जमानत मांगी है। उनका कहना है कि वे 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ अभी तक केस शुरू नहीं हुआ है। पिछली सुनवाई 29 जुलाई को हुई थी जिसमे ED ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई 5 अगस्त तक के लिए टाल दी थी। ED की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने सिसोदिया की याचिकाओं पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जून के आदेश ने सिसोदिया को केवल ट्रायल कोर्ट में नई जमानत याचिका दायर करने का अधिकार दिया था, सुप्रीम कोर्ट में नहीं। इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजय कुमार ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई टल गई थी। ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज हो चुकी हैं। सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा है कि अक्टूबर, 2023 से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है, बिना केस के वे 17 महीने से जेल में हैं। इसलिए जमानत की मांग वाली पिछली याचिका पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। CBI ने 26 फरवरी 2023 को शराब नीति केस से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, ED ने 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। मनीष तब से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं।