सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर लगाई रोक, जानिए पूरा मामला

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार को राहत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने 25000 शिक्षकों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच जारी रखने का आदेश भी दिया। जांच एजेंसी से कहा कि इस दौरान कर्मचारी-उम्मीदवारों पर कोई एक्शन न ले। इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से कहा कि यह व्यवस्थागत धोखाधड़ी (systemic fraud) है। इससे लोगों का भरोसा उठ जाएगा।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते महीने पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। साथ ही इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरी तरह से नियुक्तियों को रद्द करना नासमझी है। वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल सरकार इसके तरीके को तय कर सकती है। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है। पिटीशन में मांग की गई थी कि हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया जाए।

बीती सुनवाई में क्या क्या हुआ 

22 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की 25 हजार 753 नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था। 23 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ CBI जांच पर रोक लगा दी थी। 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। साथ ही CBI को मामले की जांच जारी रखने को कहा।