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Satyajit Ray जानिए विदेशी दौरे से कैसे बदला जीवन !

मुंबई : सत्यजीत भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े डायरेक्टर में से एक मने जाते हे . शायद वो एक ऐसे डायरेक्टर थे जिन्हे विदेश में बहुत जियादा पहचान मिली . सत्यजीत डायरेक्टर के साथ वे एक स्क्रिप्ट राइटर और एक म्यूजीशियन भी थे. 2 मई, 1921 को कोलकाता में जन्में सत्यजीत रे के जीवन में आखिर वो विदेश यात्रा ने उनके कर रख दिया !

दरअसल बात अप्रैल 1950 की है जब सत्यजीत रे अपनी पत्नी के साथ लन्दन यात्रा पर थे . ये यात्रा एक विदेश विगनापन में हिस्सा लेने के लिए थी . उनको कंपनी ने 6 माह के लिए लंदन ऑफिस भेजा गया . कंपनी प्रबंधन को ऐसा लगा कि जब रे वापस आएंगे तो चाय और बिस्कुट के विज्ञापन बहुत अचे से करेंगे लेकिन ये यात्रा इनकी जीवन पर असर कर गयी और . इंग्लैंड यात्रा ने रे के जीवन में बड़ा ट्विस्ट ला दिया.

लंदन पहुंचने के तीन दिन के अंदर उन्होंने पत्नी के साथ हॉलीवुड फिल्म बाइसाइकिल थीव्ज देखी. ऐड एजेंसी में नौकरी करते हुए उन्हें फ्लिम बनाने का खयाल उनके मन में तो काफी समय से चल रहा था. लेकिन बाइसिकल थीव्ज देखने के बाद वे जान चुके थे कि जब भी वे फिल्म बनाएंगे तो लोकेशन हॉलीवुड मूवी की तरह ही होगी . लंदन प्रवास के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 100 केजियादा फिल्में देख डालीं. जब वे भारत लौट रहे थे तो उन्होंने रस्ते आते आते ही पाथेर पांचाली लिख डाला था.

 

कई प्रभावशाली फिल्मों में किया निर्देशन !

सत्यजीत रे ने अपने करियर में पाथेर पांचाली, द वर्ल्ड ऑफ अप्पू, अपराजितो, चारुलता, नायक, सोनार केला, जलसाघर और शतरंज के खिलाड़ी जैसी सफल फिल्में बनाई और इंडिया सिनेमा को एक नए मुकाम पर ले गए . शतरंज के खिलाड़ी उनके जीवन की पहली और एकमात्र हिंदी फिल्म थी. फिल्म में संजीव कुमार और सईद जाफरी लीड रोल में थे. सत्यजीत रे ने बताया था कि उनके फेवरेट एक्टर हिंदी सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह और नाना पाटेकर उनके सबसे जियादा पसंदीदा अभिनेता हैं.

फिल्म्स डिवीजन सत्यजीत रे की शताब्दी को उनके और उनकी टेलीविजन फिल्म सद्गति के बारे में डॉक्यूमेंट्री डालकर और ऑनलाइन चिन्हित कर रहा है। शीर्षक 6 मई तक उपलब्ध होंगे। इन्हें फिल्म्स डिवीजन की वेबसाइट और इसके YouTube चैनल पर देखा जा सकता है।

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