टीवी की मशहूर अभिनेत्री रुबीना दिलैक ने अभी हाल ही में लीफोबेरी कंपनी की फाउंडर ग़ज़ल कोठारी को अपने पॉडकास्ट पर बुलाया था और यहाँउनसे बात करके वह उनके काम और पारिवारिक संतुलन को देखकर बेहद इम्प्रेस हुई। आज के समय में जहां काम और अपने परिवार के बीच संतुलन बनाए रखना एक बहुत बड़ा चैलेंज हो गया है , ऐसे में ग़ज़ल कोठारी की जर्नी दृढ़संकल्प, लचीलेपन और आत्मविश्वास की शक्ति के प्रमाण के रूप में सबके सामने आती है।एक बहुत ही कामयाब स्किनकेयर ब्रांड लीफोबेरी कीफाउंडर होते हुए ग़ज़ल ने ना सिर्फ अपनी कंपनी को सफलता के शिखर तक पहुंचाया है बल्कि इस रास्ते पर चलते हुए वह अपने परिवार और खुद कोभी प्राथमिकता देने में कामयाब रही हैं। अपने कामकाजी जीवन और अकेले एक बिजनेस सेट करने के बारे में बात करते हुए, गज़ल ने कहा,”मैं अपनी माँ के शैक्षणिक संस्थान को मैनेज कररही थी जहाँ मैंने अपनी मैनेजरियल कुशलता को निखारा लेकिन मैं अपने काम में संतुष्टि ढूंढ रही थी। ऐसा तब तक नहीं हुआ जब तक कि मेरी बेटी, नीज़ल ने मुझे अपनी त्वचा की बेहतर देखभाल करने के लिए प्रेरित किया, और वहां से मुझे अपनी असली पहचान मिल गई। एक माँ की सभीजिम्मेदारियों को पूरा करते हुए और अपनी आजीविका को आगे बढ़ाने के लिए मैंने स्किनकेयर फार्मूलेशन कोर्स में अपने आप को एनरोल किया। ऐसाकरते हुए अक्सर में अपनी बेटी, खुद, परिवार और सामाजिक दायित्वों की देखभाल के साथ साथ क्लासेज भी लेती थीं।” उसके बाद लॉकडाउन आया और उस समय ने गज़ल के जुनून को एक सफल बिजनेस में बदलने के दृढ़ संकल्प को और बढ़ा दिया।अपने पति औरअपनी सास का पूरा सहयोग पाते हुए, ग़ज़ल ने घर पर ही स्किन केयर प्रोडक्ट बनाने शुरू किये।जिसको ग़ज़ल ने एक छोटे वेंचर के रूप में शुरू कियाथा वह जल्द ही उनकी उम्मीदों से परे बढ़ गया, उनके प्रोडक्ट्स को अमेज़ॅन जैसे प्लेटफार्मों पर लोकप्रियता मिलने लगी। “मेरी बेटी मेरी सफलता सेइतनी प्रभावित है कि उसने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह बड़ी होकर मेरे बिजनेस को संभालेगी।” अपने घर, बच्चे और बिजनेस को एक साथ संभालना एक आसान काम नहीं है लेकिन ग़ज़ल ने इन सबको साथ में लेकर आगे बढ़ने का तरीका ढूंढलिया है। उन्होंने कहा ,”यह सब मैनेज हो सकता है। मैंने हर जगह एक कैलेंडर लगा दिया है , चाहे वह खाने का प्लैनेर हो या फिर काम का प्लैनेर।उस प्लैनेर पर सब लिखा है , खाने में क्या बनेगा से लेकर उनकी बेटी का अपनी मैड के व्यहवहार को लेकर रेटिंग देना ,क्या उसने अपना सामानउठाया या नहीं, और साप्ताहिक रूप से वह अच्छे अंकों के लिए इनाम देती है।इस तरह वह भी उत्साहित रहती है और इनाम पाने का इंतजार कर रहीहोती है। वह उनसे बात करने के लिए एक खुला चैनल भी रखती है, जहां उनकी बेटी अपनी भावनाओं के बारे में बताने में सुरक्षित महसूस करती है, इसलिए उनकी बेटी को लगता है कि उसकी सुनी जा रही है। “ यह सब सुनकर रुबीना हैरान हो गयी और उन्होंने कहा, “आप कैसे छोटी छोटी चीजों का इतना ध्यान रखती हैं, मैं इस से बहुत इम्प्रेस हुई है। यहकाबिले तारीफ है। “ गजल कोठारी की जर्नी इस बात का उदाहरण है कि जुनून, दृढ़ता और एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम के साथ क्या क्या हासिल किया जा सकता है।उनकी कहानी उभरते इंटरप्रेन्योर और वर्किंग मदर्स के लिए प्रेरणा का काम करती है, यह दिखाती है कि समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ कुछ भीअसंभव नहीं है।