Old Jaipur 1932: भारत के इस शहर की आज दुनिया दीवानी, 150 साल पहले ऐसा था हाल, वीडियो देख खुद करें फैसला

जयपुर राजस्थान का सबसे खूबसूरत शहर है। जयपुर की जो खूबसूरती आज दिखाई देती है उसकी कल्पना 150 साल पहले की गई थी। जयपुर की ऐतिहासिक इमारतें हों या यहां के शानदार बाजारों की खूबसूरती। . इस खूबसूरत शहर की कल्पना जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने भी नहीं की थी, जिन्होंने उस समय जयपुर की स्थापना की थी। उस समय जयपुर बिल्कुल अलग था और आज गुलाबी शहर को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं।<br /> <iframe frameborder=”0″ height=”450″ scrolling=”no” src=”https://www.youtube.com/embed/7iaNL5nkxes?si=rJ5iDuVWF5l6dAcS” width=”100%”></iframe><br /> <br /> समय के साथ गुलाबी शहर ने करवट ली और दिन-ब-दिन यह और भी खूबसूरत होती गई। लेकिन उस समय जयपुर शहर को जयपुर भी कहा जाता था। जयपुर शहर की स्थापना 1727 में हुई थी। 1875 में जयपुर को गुलाबी रंग में रंगा गया। इसी प्रकार जयपुर भी अपने समय के अनुसार बदलता गया।<br /> <br /> जयपुर शहर सदैव गुलाबी शहर नहीं था। लेकिन महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय और तत्कालीन प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल ने जयपुर को आधुनिक स्वरूप में बदल दिया। धीरे-धीरे एक समय ऐसा आया जब जयपुर शहर के मुख्य बरामदों पर अतिक्रमण होने लगा। लेकिन ऑपरेशन पिंक के रूप में अभियान चलाकर इन सभी जगहों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया.<br /> <br /> जयपुर अपनी ऐतिहासिक इमारतों और प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। 5 फरवरी 2020 को, गुलाबी शहर ने विश्व मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई और जयपुर शहर को विश्व विरासत शहर घोषित किया गया। खूबसूरती के मामले में जयपुर आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। जयपुर के पुराने बाज़ार के चारों ओर बने 7 बड़े द्वार इस जगह की सुंदरता को बढ़ाते हैं, जो एक शानदार परिधि बनाते हैं।<br /> <br /> बहुत कम लोग जानते हैं कि आज के जयपुर शहर की जगह पर कभी 6 गांव हुआ करते थे। आज उनके नाम बदल गये हैं और आज जयपुर शहर एक रूप में बदल गया है। जब जयपुर शहर को बसाने का काम शुरू हुआ तो सड़कों और रास्तों की लंबाई-चौड़ाई पर विशेष ध्यान दिया गया।<br /> <br /> जयपुर का चारदीवारी बाज़ार इस तरह से बनाया गया था कि यह भविष्य में एक महान बाज़ार का रूप ले सके और आज यह बाज़ार भारत के सबसे खूबसूरत बाज़ारों में से एक है। बाजारों में स्थित मंदिरों, स्कूलों और दुकानों को विशेष रूप से सजावटी डिजाइनों से सजाया गया है, ताकि उनकी चमक वर्षों तक बरकरार रहे। 18वीं सदी का हवामहल, नाहरगढ़ किला, जंतर-मंतर, रामबाग पैलेस, म्यूजियम जैसी तमाम इमारतें आज भी चमक रही हैं।