ईरान में हमास चीफ इस्माइल हानियेह की मौत के बाद से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। इस बीच अमेरिकी मीडिया हाउस एक्सियोस ने दावा किया है कि अमेरिका और इजराइल के अधिकारियों के मुताबिक ईरान इजराइल पर हमला कर सकता है। ईरान के हमले से निपटने की तैयारी में इजराइल की मदद के लिए अमेरिकी सेंट्रल कमांड फोर्स के चीफ जनरल माइकल कुरेला तेल अवीव पहुंच गए हैं। वहीं खतरे को देखते हुए अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है। वहीँ, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक मिडिल ईस्ट में तैनात अमेरिकी सैनिकों और इजराइल की रक्षा के लिए नए फाइटर जेट्स, डिस्ट्रॉयर्स और एयरक्राफ्ट कैरियर्स भेजे जा रहे हैं। अमेरिका ने वादा किया है कि वह इजराइल की हिफाजत जरूर करेगा। इस बीच बीते दिन अमेरिकी विदेश मंत्री ने G7 देशों के विदेश मंत्रियों से मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने पर चर्चा की।
इजराइल पर हमला कर सकता है हिजबुल्लाह, अमेरिका ने G7 देशों से की बात, जानिए पूरा मामला
अमेरिकी समाचार वेबसाइट एक्सियोस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस मीटिंग में ब्लिंकन ने अपने सहयोगी देशों से कहा कि ईरान-हिजबुल्लाह सोमवार को इजराइल पर हमला कर सकते हैं। ब्लिकंन ने आगे कहा कि हमें हमलों की ठीक टाइमिंग के बारे में नहीं पता है मगर हमारा अंदाजा है कि ये अगरे 24 से 48 यानी कि सोमवार से शुरू हो सकता है। ब्लिंकन ने G7 देशों के विदेश मंत्रियों से ईरान, हिजबुल्लाह और इजराइल पर संयम बनाए रखने के लिए कूटनीतिक दबाव डालने को कहा है। वहीं, इजराइल पर बढ़ते ईरानी हमले के बीच जॉर्डन के विदेशमंत्री अयमान सफादी रविवार को ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे थे। उन्होंने वहां ईरानी विदेशमंत्री अली बघेरी कानी के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच मिडिल-ईस्ट में बढ़ते तनाव को कम करने पर बातचीत हुई। सफादी ने कहा कि हम चाहते हैं कि तनाव खत्म हो। जॉर्डन, अमेरिका और पश्चिमी देशों का सहयोगी है। जॉर्डन ने कई बार ईरान की तरफ से इजराइल पर किए जाने वाले मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम किया है।
वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने अमेरिका और अरब देशों के शांति के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ईरान का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर पलटवार करेगा चाहे इसके जवाब में जंग ही क्यों न छिड़ जाए। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि हिजबुल्लाह, यहूदी देश पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने बीते दिनों बताया कि हमास चीफ हानियेह को शॉर्ट रेंज मिसाइल फायर करके मार गिराया गया था। इस मिसाइल में 7 किलो विस्फोटक लदा हुआ था। ईरान ने हानियेह की मौत को एक आतंकी घटना बताया है। ईरान ने दोहराया है कि शहीद हनियेह के कत्ल का बदला लिया जाएगा। दुस्साहसी और आतंकवादी यहूदी शासन को सख्त सजा मिलेगी। IRGC ने कहा कि सही वक्त और जगह पर हम बदला लेंगे।
अलजजीरा के मुताबिक, इजराइल ने इस मामले पर अब भी चुप्पी साध रखी है। IRGC के इस बयान के बाद भी अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि अमेरिका ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें ईरान में होने वाले हमले की कोई जानकारी नहीं थी। ईरान के बदला लेने की आशंकाओं के बीच अमेरिका ने मिडिल-ईस्ट में जंगी जहाजों और फाइटर जेट्स की तादाद बढ़ानी शुरू कर दी है। वहीं, IRGC के बयान में कहा गया है कि यह मिसाइल हमला इजराइल ने कराया है। अमेरिकी सरकार ने भी इसका सपोर्ट किया है। हानियेह जिस गेस्ट हाउस में रुका था, उसके बाहर से ही यह आतंकी ऑपरेशन चलाया गया। हानियेह की मौत के दिन हमास के प्रवक्ता और उप-प्रमुख खलील अल हाय्या ने भी कहा था कि तेहरान में जिस घर में हानियेह ठहरे हुए थे, उसे सीधे रॉकेट से निशाना बनाया गया। जबकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि हानियेह को बम धमाका कर मारा गया। बम को ईरानी गेस्ट हाउस में 2 से 3 महीने पहले ही फिट कर दिया गया था। इसमें ईरानी इंटेलिजेंस अफसरों की भी मिलीभगत थी। ईरान ने इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है।