हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ हुई सुनवाई, जानिए पूरा मामला

दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने ED से पूछा कि क्या जांच एजेंसी दिल्ली के मुख्यमंत्री को दोबारा गिरफ्तार करना चाहती है। बार एंड बेंच के मुताबिक, ED से यह सवाल जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने किया है। उन्होंने कहा कि मैं असमंजस में हूं। आखिर आप (ED) करना क्या चाहते हैं? ED की ओर से पेश हुए वकील विवेक गुरनानी ने कोर्ट को बताया कि ASG एसवी राजू दूसरे केस में व्यस्त हैं, इसलिए कोर्ट इस केस को कल या किसी और दिन सुनवाई कर ले। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि यह सरासर उत्पीड़न का मामला है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।

दरअसल, 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी। 21 जून को ED ने हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी। 25 जून को इस पर सुनवाई हुई। ED ने तब हाईकोर्ट से कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने हमारा पक्ष ठीक से नहीं सुना। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा- सही ढंग से बहस नहीं हुई थी, इसलिए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हैं। आपको बता दें, कोर्ट ने कहा, फैसले को देखकर ऐसा लगता है कि केजरीवाल को जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। अदालत को ED को बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था। दिल्ली CM केजरीवाल पर ED के अलावा CBI का केस भी चल रहा है। शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर CBI ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को ED के केस में अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। इस पर सुनवाई की तारीख सामने नहीं आई है। ED ने 9 जून को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट जमा की थी। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया। चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी पर खर्च हुआ है। यह भी दावा किया गया कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे।