। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। हरियाणा की सभी 90 सीटों पर सिंगल फेज में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। दोनों राज्यों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। हरियाणा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, महाराष्ट्र का 26 नवंबर और झारखंड का 5 जनवरी को खत्म हो रहा है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था। राज्य से अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया था। इसके बाद से यहां LG मनोज सिन्हा प्रशासक हैं। चुनाव के बाद नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल का होगा।
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का किया ऐलान, जानिए पूरा मामला
तो वहीं, चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने कहा, ‘थ्री जेंटलमेन आर बैक। लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। देशभर ने चुनाव का पर्व मनाया। लंबी कतारें दिखीं, बुजुर्ग, यूथ वोट डालने गए। लोकतंत्र का जीवित उदाहरण देश ने देखा। जो तस्वीर भारत ने दुनिया को दिखाई, वो चकित करने वाली थीं। जो चमक हमने देखी, वो बहुत दिन तक दिखाई देगी। जब भी कहीं दुनिया में चुनाव होंगे, आपको अपने देश की याद आएगी और हमारी ताकत की याद दिलाती रहेगी। जम्मू-कश्मीर में हमने जिनसे, राजनीतिक दलों से बात की, सबका मत था कि जल्द से जल्द चुनाव हों। आपको याद है कि मतदान केंद्र पर जो लंबी कतारें लगी थीं, वो जम्हूरियत की ताकत थी। उम्मीद और जम्हूरियत की झलक बताती है कि अवाम अपनी तकदीर खुद बदलना चाहते हैं। लोग चाहते हैं कि खुद देश का भविष्य बदलने का हिस्सा बने। देशभर की 46 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव समय आने पर घोषित किए जाएंगे। वायनाड सीट पर प्राकृतिक आपदा के कारण अभी उपचुनाव नहीं हो सकता। वहां मतदान समय पर होगा।
जिसके बाद, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा, आज बहुत खुशी का दिन है। देर से आए, लेकिन दुरुस्त आए। केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय संसद में एक बयान देता था, बाहर दूसरा। जम्मू-कश्मीर के लोग यहां अपनी सरकार की मांग कर रहे थे, ताकि वे अपने नुमाइंदों को चुन सकें। चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी डायरेक्शन दिया था। साथ ही, नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख, उमर अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन को फेरबदल का आदेश देने के लिए अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस पर बुलाना पड़ा। मुझे लगता है कि उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा।