बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर की घटना को लेकर महाविकास अघाड़ी (MVA) की तरफ से 24 अगस्त को बुलाए गए बंद पर रोक लगा दी। जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया। बेंच ने कहा, 24 अगस्त के अलावा आगे भी किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को बंद बुलाने या करने की इजाजत नहीं है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। बेंच ने 2004 में बॉम्बे हाईकोर्ट के दिए गए फैसले का हवाल दिया। बेंच ने कहा, बंद पूरी तरह से गैरकानूनी है। किसी भी तरह का नुकसान होता है तो इसके लिए राजनीतिक दल जिम्मेदार होंगे। उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी। वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद NCP (SCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा, कोर्ट के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का वक्त नहीं है। ऐसे में कोर्ट का आदर करते हुए मैं सभी लोगों से बंद वापस लेने की अपील करता हूं। पवार के अलावा उद्धव ठाकरे और कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया था।
बदलापुर यौन शोषण केस, MVA ने वापस लिया महाराष्ट्र बंद, जानिए पूरा मामला
आपको बता दें, घटना 12 और 13 अगस्त की है। आदर्श स्कूल में 23 साल के स्वीपर अक्षय शिंदे ने दोनों बच्चियों का यौन शोषण किया। इसके बाद दोनों लड़कियां स्कूल जाने से डर रही थीं। माता-पिता को संदेह हुआ। उन्होंने लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो बात सामने आई। एक पेरेंट ने उसी कक्षा की दूसरी लड़की के माता-पिता से संपर्क किया। जब डॉक्टर ने जांच की तो असल घटना सामने आई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा शितोले ने पॉक्सो का मामला होने के बावजूद FIR दर्ज करने में टालमटोल की। बच्ची के माता-पिता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बदलापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। दो दिन बाद 16 अगस्त शुक्रवार देर रात केस दर्ज किया। 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अक्षय 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। बच्चियों के परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने FIR दर्ज करने में 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगाया था। पहले तो पुलिस शिकायत भी नहीं सुन रही थी।