मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते एअर इंडिया ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव के लिए अपनी सारी फ्लाइट्स को तुरंत प्रभाव रद्द कर दिया है। एअर इंडिया ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया एक्स पर दी है। एयरलाइन ने बताया है कि फ्लाइट्स अगली घोषणा तक बंद रहेंगी। मिडिल ईस्ट में हालातों को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है। एअर इंडिया का ये फैसला उस वक्त आया है जब इजराइल पर ईरानी हमले की आशंकाएं बनी हुई हैं। दरअसल, हमास चीफ की ईरान में मौत के बाद सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने इजराइल से बदला लेनी की बात कही थी। वहीं, इजराइल भी ईरानी हमले को लेकर तैयारियों में जुटा हुआ है। इजराइल की कैबिनेट ने गुरुवार रात को भी बैठक की है। इजराइल ने ईरानी हमले के खतरे के बीच अपने नागरिकों से खाना और पानी स्टॉक करने को कहा है। अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों को अंडरग्राउंड वॉर्ड्स में शिफ्ट करने के लिए तैयार रहें।
एयर इंडिया ने तेल अवीव के लिए फ्लाइट्स रद्द कीं, ईरानी हमले का डर, जानिए पूरा मामला
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैनिकों से कहा है कि देश अपनी रक्षा के साथ-साथ हमले की परिस्थिति में पलटवार को भी तैयार है। वहीं, इजराइल और पश्चिमी देशों के खुफिया अधिकारियों के हवाले से खबर है कि पहले हिजबुल्लाह लेबनान की तरफ से अटैक करेगा। इसके बाद ईरान की तरफ से इजराइल पर बड़ा हमला किया जाएगा। दूसरी तरफ अमेरिका ने भी इजराइल की रक्षा के लिए भूमध्य सागर में अपने युद्धपोत तैनात कर दिए हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मिडिल ईस्ट में बैलिस्टिक मिसाइल वाले क्रूजर और डिस्ट्रॉयर भी तैनात करने का आदेश दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान और हिजबुल्लाह, इजराइल पर एक बार में कई रॉकेट और मिसाइलों को दाग सकते हैं। इस हमले का मकसद इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम को नाकाम करना होगा। इसके अलावा वो इजराइल पर एक साथ कई सारे ड्रोन के झुंड लॉन्च कर सकते हैं। ये ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ने वाले होंगे, जिन्हें रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। रडार पर पकड़ में न आने की वजह से इन ड्रोन को नष्ट करना मुश्किल हो जाता है। इससे पहले अप्रैल में अमेरिका और इजराइल ने ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन के साथ मिलकर एक गठबंधन बनाया था। इसके जरिए ईरानी मिसाइलों और ड्रोन को इज़राइल पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया था। अगर इस बार हमला होता है तो पिछली बार की तरह सहयोग मिलने की संभावनाएं कम हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, मिस्र और कतर के नेताओं ने गुरुवार को कहा कि वे गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए एक फाइनल सीजफायर प्रस्ताव पेश करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इजरायल और हमास से संघर्ष को सुलझाने के लिए अगले हफ्ते बातचीत शुरू करने के लिए आग्रह किया। तीनों नेताओं की तरफ से जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया कि सीजफायर के लिए गाजा में बंदी बनाए गए इजराइली नागिरकों और इजराइल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने का समय आ गया है।