बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज शम्सुद्दीन चौधरी माणिक को सिलहट में बॉडर्र के पास गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्ला अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक वे भारत भागने की कोशिश कर रहे थे, इस दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के हवाले कर दिया गया। BGB ने इसकी पुष्टि की है। माणिक को देर रात तक BGB चौकी में ही रखा गया था। शनिवार सुबह उन्हें सिलहट हेडक्वार्टर ले जाया गया। माणिक के खिलाफ गुरुवार को मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। उन पर खालिदा जिया के दिवंगत पति और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संस्थापक जियाउर रहमान पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था।
बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज शम्सुद्दीन चौधरी माणिक को बॉडर्र से किया गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला
FIR के मुताबिक जस्टिस माणिक ने अक्टूबर 2022 में एक निजी चैनल पर जियाउर रहमान के बारे में कहा था कि वे फ्रीडम फाइटर नहीं बल्कि एक ‘रजाकार’ थे। बांग्लादेश में रजाकार का मतलब गद्दार होता है। सोशल मीडिया पर माणिक की गिरफ्तारी से जुड़े कई वीडियो वायरल हैं। एक वीडियो में पुलिस उनकी गर्दन को पकड़े हुए है। दूसरे वीडियो में वे केले के पत्ते पर सोए हुए हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद उनके कई करीबी लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थक माने जाने वाले टीवी पत्रकार दंपती फरजाना रूपा और उनके पति शकील अहमद को गिरफ्तार किया गया था। इन्हें 21 अगस्त को शाहजलाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। उनके साथ उनकी बेटी भी थी। वे पेरिस जाने की कोशिश कर रहे थे। पत्रकार दंपती को देश छोड़ने की परमिशन मिल गई थी। लेकिन विमान पर चढ़ने से पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्हें बताया गया कि उन पर हत्या से जुड़ा एक केस दर्ज है। बाद में उन्हें 4 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया गया। दंपती एकटोर टीवी में अहम पदों पर थे। लेकिन हसीना सरकार गिरने के बाद उन्हें 8 अगस्त को चैनल से निकाल दिया गया था।
इससे पहले 14 अगस्त को बांग्लादेश के पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक और हसीना सरकार में निवेश सलाहकार सलमान एफ रहमान को गिरफ्तार किया गया था। वे ढाका से नदी के रास्ते भारत भागने की कोशिश कर रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक पकड़े जाने से बचने के लिए सलमान ने अपनी दाढ़ी तक कटा ली थी और वह मछुआरे का रूप बनाकर भागने की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे के बाद उन पर एक हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगाया गया और 10 दिनों के रिमांड पर जेल भेज दिया गया। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही उनके कई समर्थक छिपे हुए हैं। कुछ लोग पहले ही देश छोड़कर भाग गए हैं। इनके अलावा हसीना के मंत्रिमंडल के कई सदस्यों सहित सैन्य और नागरिक अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई। इनमें पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद, पूर्व सामाजिक कल्याण मंत्री दीपू मोनी, अवामी लीग और उसके सहयोगियों के कई सांसद-नेता, वामपंथी वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष राशेद खान मेनन और हाल ही में बर्खास्त किए गए कई सदस्य शामिल हैं।