पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को हाउसिंग घोटाले केस में आर्मी ने 12 अगस्त को अरेस्ट कर लिया। फैज के खिलाफ यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की गई। आर्मी ने उनका कोर्ट मार्शल शुरु कर दिया है। फैज को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली हुआ है कि ISI का पूर्व चीफ को किसी मामले में अरेस्ट किया गया है। पिछले साल 14 नवंबर को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि फैज हमीद पर लगे आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ये आरोप बेहद गंभीर है। कोर्ट ने कहा था कि अगर फैज दोषी साबित होते हैं, तो इससे देश की संस्थाओं की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।
हाउसिंग घोटले केस में ISI के पूर्व चीफ अरेस्ट, आर्मी ने शुरू किया कोर्ट मार्शल, जानिए पूरा मामला
आपको बता दें, फैज हमीद पाकिस्तान की सेना में पेशावर के कोर कमांडर भी रहे हैं। उन पर रिटायरमेंट के बाद पाकिस्तानी सेना के नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगा है। फैज हमीद पर ISI चीफ के तौर पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था। इन आरोपों की जांच के लिए सेना ने अप्रैल में एक जांच कमेटी का गठन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस समिति का गठन जवाबदेही तय करने के लिए किया गया था। इस कमेटी को एक मेजर जनरल लीड करेंगे।पिछले साल टॉप सिटी मैनेजमेंट ने फैज हमीद पर आरोप लगाते हुए दावा किया था उन्होंने इसके मालिक मोइज खान के ऑफिस और घर पर छापेमारी की थी। इसके बाद नवंबर 2023 में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग सोसाइटी के मालिक को अपनी शिकायत रक्षा मंत्रायल में दर्ज कराने के लिए कहा था।पिछले साल मार्च में तत्कालीन गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि फैज हमीद और उनके भाई के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने और कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच चल रही है।
वहीं, पूर्व ISI चीफ फैज हमीद ने अल कादिर ट्रस्ट स्कैम केस में 5 अरब रुपए की रिश्वत ली थी। यह खुलासा इमरान सरकार में मंत्री रहे और उनके दोस्त फैजल वाबडा ने किया था। अल कादिर ट्रस्ट स्कैम वही केस है, जिसमें पिछले साल 9 मई को इमरान को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद पाकिस्तान में जबरदस्त हिंसा हुई थी। 8 लोग मारे गए थे। आर्मी हेडक्वॉर्टर के अलावा जिन्ना हाउस पर भी खान समर्थकों ने हमला किया था। इस हमले के बाद सेना और सरकार ने एक्शन लिया था। इसका असर ये हुआ था कि इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 80 से ज्यादा बड़े नेता, सांसद और विधायक पार्टी छोड़ गए थे।