डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के खराब प्रदर्शन की ली जिम्मेदारी, BJP को केवल 9 सीट मिलीं, जानिए पूरा मामला

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में केवल 9 हाथ आईं। पिछली बार 2019 में पार्टी के हिस्से 23 सीटें आईं थीं। वहीं, उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना (शिंदे) को 7 सीटें और NCP (अजित) के हिस्से 1 सीट आई। जिसके बाद, राज्य के डिप्टी सीएम भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हमें जो भी नुकसान हुआ, मैं उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। इसलिए मैं शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि मुझे मंत्री पद से मुक्त किया जाए, क्योंकि मुझे पार्टी के लिए काम करने और राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अपना समय देने की जरूरत है।  कुछ सीटों पर किसानों के मुद्दों ने प्रमुख भूमिका निभाई। साथ ही संविधान में बदलाव किए जाने के झूठे प्रचार ने कुछ मतदाताओं को प्रभावित किया। मुसलमानों और मराठा आंदोलन का भी वोटों पर असर पड़ा। उन्होंने आगे कहा, संविधान बदलने का दुष्प्रचार I.N.D.I.A ने ही फैलाया फडणवीस ने यह भी कहा कि भाजपा ने अकेले ही I.N.D.I.A ब्लॉक से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। संविधान बदलने का दुष्प्रचार I.N.D.I.A ने ही फैलाया था। हमें इस पर लगाम लगाने की जरूरत थी, जो हम नहीं कर पाए। मैं देश की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का मौका दिया। एनडीए ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी अच्छा प्रदर्शन किया। मैं इसके लिए लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं। साथ ही, 

तो वहीं, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के खुद को डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बयान पर कहा कि चुनावी हार सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि तीनों पार्टियों ने चुनाव में मिलकर काम किया था। वोट शेयर देखें तो मुंबई में महायुती को दो लाख से ज्यादा वोट मिले। शिंदे ने आगे कहा कि हार के कारणों की ईमानदारी से समीक्षा की जाएगी। पिछले दो सालों में सरकार ने राज्य में कई अच्छे फैसले लिए हैं। मैं जल्द ही देवेंद्र जी से बात करूंगा। हमने पहले भी साथ मिलकर काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। हम विपक्ष के झूठे दावों का मुकाबला करने में सामूहिक रूप से विफल रहे हैं। आपको बता दें, महाराष्ट्र में शिवसेना-NCP टूटने से कांग्रेस को बड़ा फायदा मिला, लेकिन भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। 48 सीटों में 9 भाजपा, 13 कांग्रेस, 9 शिवसेना (उद्धव), 7 शिवसेना (शिंदे), 8 NCP (शरद), 1 NCP (अजित) और 1 अन्य के खाते में गई । 2019 में 23 सीटें भाजपा, 18 शिवसेना व 4 NCP ने जीती थीं। सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को मिला। महज 17% वोट लेकर कांग्रेस यहां सबसे ज्यादा सीटें जीत गई और सबसे बड़े वोट शेयर (26%) के बावजूद भाजपा 13 सीटें गंवाकर 10 पर आ गई।