चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिया नोटिस, जानिए पूरा मामला

चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया। आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों और स्टार प्रचारकों से अपने भाषण को सही करने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए कहा। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में संविधान बचाने और अग्निवीर स्कीम का बार-बार जिक्र कर रहे हैं। वहीं भाजपा के नेता अपनी स्पीच में मुसलमान और धर्म पर जोर दे रहे हैं। आयोग ने दोनों पार्टियां के स्टार प्रचारकों को धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करने का निर्देश दिया है। बीजेपी से उन प्रचार भाषणों को रोकने के लिए कहा है, जिनसे समाज में बंटवारा हो सकता है। साथ ही, चुनाव आयोग ने कांग्रेस से कहा कि वह संविधान को लेकर गलत बयानबाजी न करे। जैसे कि भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है या बेचा जा सकता है। इसके अलावा अग्निवीर पर बोलते हुए इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस से कहा कि वो डिफेंस फोर्स का राजनीतिकरण न करें।

आपको बता दें, चुनाव आयोग के पोल पैनल ने 25 अप्रैल को कांग्रेस और भाजपा की एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत इश्यू किया गया था। यह पहली बार हुआ, जब आयोग ने स्टार प्रचारक की जगह पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया गया। PM नरेंद्र मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC ने पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना। चुनाव आयोग से PM मोदी और राहुल गांधी के भाषण में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। शिकायत में कहा गया कि ये लीडर्स धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।