इंतज़ार ख़त्म होने वाला है, देश में मानसून दस्तक देने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के मुताबिक, इस साल देश में मानसून समय पर प्रवेश करेगा और इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। देश के कई हिस्सों में इन दिनों प्री-मॉनसून बारिश हो रही है। कल हैदराबाद में भारी बारिश हुई.
मौसम विभाग ने अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा अन्य राज्यों में लोगों को चिलचिलाती धूप, भीषण गर्मी और लू का सामना करना पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि देश के किस राज्य में मानसून कब दस्तक देने वाला है?
Monsoon को लेकर ताजा भविष्यवाणी, दिल्ली-NCR और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में जानें कब आएगा मानसून?
किस राज्य में कब आएगा मानसून?
मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून 19 मई को अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के द्वीपों में प्रवेश करेगा। इसके बाद 31 मई को मानसून केरल में प्रवेश करेगा. 5 जून तक मानसून का असर कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के आधे राज्यों में महसूस किया जाएगा. महाराष्ट्र और गोवा में 10 जून तक मानसूनी बारिश होगी। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में 15 जून तक मॉनसून आ जाएगा.
उत्तर प्रदेश में 20 जून और कानपुर मंडल में 28-29 जून तक मानसून आने की उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में 25 जून तक मॉनसून पहुंचने की संभावना है. दिल्ली-एनसीआर में 28 जून तक मॉनसून प्रवेश कर जाएगा. 30 जून तक राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में मानसून का असर देखने को मिलेगा। 8 जुलाई तक मॉनसून पूरे देश में फैल जाएगा. 15 सितंबर तक मानसून विदा हो जाएगा।
कितनी बारिश की उम्मीद है?
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी. देशभर में करीब 106 फीसदी या 87 सेमी बारिश होने का अनुमान है. यह किसानों के लिए अच्छी खबर हो सकती है, क्योंकि मानसून की बारिश से खरीफ की फसल को फायदा होगा, क्योंकि आज भी देश के 50 फीसदी से ज्यादा किसान फसल की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार ला नीना वातावरण के कारण देश में अच्छी बारिश होने की संभावना है. क्योंकि 2020 से 2022 के बीच 100 फीसदी से ज्यादा बारिश ला नीना के प्रभाव के कारण होगी.