प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की रिपोर्ट में यह सामने आया है की, भारत में 1950 से लेकर 2015 तक हिंदुओं की आबादी में 7.8% की गिरावट आई है। जबकि मुस्लिम की आबादी में 43.15% का इजाफा हुआ। रिलीजियस माइनॉरिटीज, अ क्रॉस-कंट्री एनालिसिस (1950-2015) रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जैनों की जनसंख्या में भी गिरावट आई है। 1950 में जैनों की आबादी 0.45% थी, जो 2015 में घटकर 0.36% रह गए। ये रिपोर्ट इकोनॉमिस्ट शमिका रवि, अब्राहम जोस और अपूर्व कुमार मिश्रा ने तैयार की है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 65 साल में हिन्दुओं की आबादी 7.8% घटी, मुस्लिम 43.15% बढ़े, जानिए पूरा मामला
तो वहीं, भारत के पड़ोसी देशों में आबादी का एनालिसिस किया गया। जिसमे से दक्षिण एशियाई देशों मसलन बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान में बहुसंख्यक आबादी बढ़ी, जबकि अल्पसंख्यक आबादी में गिरावट आई। साथ ही मालदीव में शफी-ए-सुन्नी धार्मिक समुदाय बहुसंख्यक है। उनकी आबादी में 1.47% की गिरावट आई। वहीं, बांग्लादेश में बहुसंख्यक धार्मिक आबादी में 18% की बढ़ोतरी हुई। साथ ही, पाकिस्तान की बहुसंख्यक धार्मिक आबादी (हनफी मुस्लिम) में 3.75% का इजाफा हुआ, जबकि कुल मुस्लिम जनसंख्या 10% बढ़ी। म्यांमार, भारत, नेपाल में गैर-मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, यहां बहुसंख्यकों की आबादी में गिरावट देखी गई। जिसके बाद, भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, कांग्रेस के दशकों के शासन ने हमारे साथ यही किया है। उनके भरोसे छोड़ दिया जाए तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचेगा। वहीं, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट करार दिया। प्रियंका गांधी ने कहा, हमें उन मुद्दों पर बात करनी चाहिए, जो लोगों के जीवन से जुड़े हैं। भाजपा अपने हिसाब से मुद्दे बनाती है।