वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 387 लोगो की हुई मौतें, 180 लोग लापता, जानिए पूरा मामला

केरल के वायनाड में 29 जुलाई की देर रात बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 387 पहुंच गई है। इनमें से 172 की पहचान हुई है। 180 लोग अब भी लापता हैं। सर्च ऑपरेशन का आज 7वां दिन है। PTI के मुताबिक, वायनाड के चूरलमाला के एक प्राइवेट हॉस्पिटल की स्टाफ नीतू जोजो इस हादसे की पहली इनफॉर्मर थीं। उन्होंने इमरजेंसी सर्विस को सबसे पर अलर्ट कर मदद की गुहार लगाई थी। नीतू ने डॉ. शानावास पल्लियाल को भी फोन किया था, जो उसी हॉस्पिटल में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं, जहां नीतू काम करती थीं। डॉ. पल्लियाल ने बताया कि 29 जुलाई को पहली लैंडस्लाइड के बाद नीतू का कॉल आया। उन्होंने घबराते हुए कहा, हमारे घरों में पानी भर गया है। मलबा आ रहा है। आसपास के 5-6 परिवार के घर तबाह हो गए हैं। इसके बाद दूसरी लैंडस्लाइड में उनसे कनेक्शन टूट गया। मलबे में दबने से उनकी मौत हो गई। उनका शव मिला है। वायनाड में लगातार छुट्टियों के बाद आज से स्कूल खुल गए। हालांकि जिन स्कूलों में राहत शिविर चल रहे हैं वहां छुट्टी जारी रहेगी। मलप्पुरम जिले में भी राहत कार्यों के कारण स्कूलों में भी छुट्टियां घोषित की गई हैं।

तो वहीं, वायनाड के चूरलमाला में रहने वाले 42 वर्षीय मंसूर ने पीटीआई से बातचीत में कहा, मैं उस दिन अपने घर पर नहीं था। मैंने एक ही रात में परिवार के 16 सदस्यों को खो दिया। अब तक 4 ही लोगों की बॉडी मिली है। बेटे की बॉडी मिली है। बेटी समेत 12 लोग लापता हैं। मंसूर ने आगे कहा कि इस घटना में मेरा परिवार, मेरा घर, सब कुछ चला गया। अब मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है। मैं फिलहाल अपने भाई नासिर के साथ रह रहा हूं। लैंडस्लाइड वाली जगह से दूर रहने वाले​ मंसूर के भाई नासिर ने बताया कि घटना से पहले अधिकारियों की ओर से कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। जब जलस्तर बढ़ रहा था, तो मैंने अपने भाई के परिवार को कहा कि वे मेरे घर आ जाएं। उन्होंने कहा कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन इस त्रासदी में अब सब कुछ खत्म हो गया।

आपको बता दें, लैंडस्लाइड के बाद सोमवार को सुबह से सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। चालियार नदी में सर्च किया जा रहा है। छह टीमें मुंडक्कई, चूरलमाला और सामलीमट्टम में सर्च ऑपेरशन चला रहे हैं। मौसम विभाग ने केरल के अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। मछुआरों और तटीय क्षेत्रों के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वायनाड में कुल 53 राहत शिविरों में 6759 लोग रह रहे हैं। इनमें 1983 परिवार, पुरूष 2501, महिला 2677, प्रेगनेंट महिलाएं 20 और 1581 बच्चे शामिल हैं। साथ ही, केरल के मंत्री एके ससींद्रन ने कहा, हमने लैंडस्लाइड प्रभावित इलाके को 6 जोन में बांटा है। हर जोन में 40 लोगों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसके लिए स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है।