कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में पश्चिम बंगाल सरकार ने 2 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर समेत 3 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। 15 अगस्त को देर रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हजारों की भीड़ ने तोड़फोड़ की थी। कार्रवाई उसी मामले में की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा CISF ने अपने हाथ में ले ली है। CISF के अधिकारी अस्पताल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। कोर्ट ने अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद CISF को सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया था। उधर, अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली ने कलकत्ता हाईकोर्ट में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ याचिका लगाई है। अली ने घोष पर कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है और ED से जांच कराने की मांग की है। सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग कर रहे डॉक्टरों का प्रदर्शन अब भी जारी है। कोलकाता, दिल्ली और अन्य शहरों में भी डॉक्टरों ने आज काम नहीं किया। AIIMS दिल्ली ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कमेटी बनाई है। इसके अलावा कोलकाता में भाजपा और कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। ममता के खिलाफ पहली बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप एन्ड मर्डर केस में 2 असिस्टेंट कमिश्नर समेत 3 अधिकारी सस्पेंड, जानिए पूरा मामला
तो वहीं, रेप-मर्डर केस में कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की जांच के लिए SIT बनाई है। यह उन्हें बचाने के लिए एक दिखावा है। हालांकि कोर्ट ने कहा, हम इस मामले को अब 4 सितंबर को सुनेंगे। उधर बंगाल सरकार ने मामले से जुड़ी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की बात कही। इस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने कहा, मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। रिपोर्ट अपने पास रखिए इसे सुप्रीम कोर्ट में दिखाइए। वहीं, हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई 16 अगस्त को हुई थी। तब चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि अस्पताल में तोड़फोड़ के लिए 7 हजार की भीड़ आई थी। पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस खुद को नहीं बचा पा रही, तो डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैवानियत का हुआ खुलासा –
अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि एबनॉर्मल सेक्शुअलिटी और जेनाइटल टॉर्चर के कारण ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। चिल्लाने से रोकने के लिए नाक-मुंह और गले को लगातार दबाया गया। गला घोंटने से थायरॉइड कार्टिलेज टूट गया। सिर को दीवार से सटा दिया गया, जिससे चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। इतनी जोर से हमला किया कि चश्मे के शीशे के टुकड़े आंखों में घुस गए। दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था। चेहरे पर आरोपी के नाखूनों से बने खरोंच के निशान मिले। इससे पता चलता है कि पीड़िता ने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था। घटना 9 अगस्त की सुबह 3 से 5 बजे के बीच होने का अनुमान है। चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने डॉक्टर का बुरी तरह शोषण किया था। पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को 12 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें बताया गया कि 8-9 अगस्त की रात रेप और मारपीट के बाद ट्रेनी डॉक्टर की गला और मुंह दबाकर हत्या हुई थी।