मुंबई : जियादतर लोग मानते हे की वे जितना काम करते हे उतनी उनको सेलेरी मिलनी चाहिए लेकिन जियाडाटर देसो में उनको सोसन होता र उनके काम के हिसाब से सेलेरी नहीं मिलती । लेकिन कुछ देश ऐसे भी हे जहा आपको मोती सेलेरी मिलती हे ! आइये जानते कुछ ऐसे देसो के बारे में !
लक्समबर्ग: यूरोप में आर्थिक केंद्र लक्समबर्ग जहा दी जाती हे सबसे ज्यादा सैलरी देता हे ये सेलेरी देने के मामले में जो देश सबसे पहले नंबर पर आता है, वो है । इस देश में प्रति व्यक्ति औसत आय 62,636 डॉलर है। भारतीय रु में इसका हिसाब लगाएं तो यह तकरीबन 45,41,141 रुपए होगी। यहां प्रति घंटा न्यूनतम मजदूरी 11.20 डॉलर यानी करीब 812 रुपए है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस, रियल एस्टेट, आईटी और टेलीकम्यूनिकेशन पर आधारित है।
नॉर्वे: नॉर्वे को दुनिया के सबसे धनी देशों में एक माना जाता है. इसका मुख्य कारण उसके पास मौजूद नेचुरल रिसोर्सेेेज हैं. नॉर्वे में तेल, हाइड्रोपॉवर, फिशिंग और मिनरल अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. नॉर्वे में लोगों को जो सैलरी मिलती है, उसका 37 फीसदी टैक्स काट लिया जाता है. इसके बाद उन्हें सालाना औसतन 33,492 डॉलर सैलरी मिलती है. इसके अलावा यहां पर अतिरिक्त घंटे काम करने पर अलग से पैसों का भुगतान होता है.
स्विट्जरलैंड: स्विट्जरलैंड को दुनिया के सबसे उम्दा देशों में एक माना जाता है. यह सरकारी पारदर्शिता, जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक और मानव विकास के लिए जाना जाता है. स्विट्जरलैंड में एक व्यक्ति की औसत इनकम सालाना 33,491 डॉलर है. साथ ही वहां पर सप्ताह में काम करने का समय भी निर्धारित है और वहां काम करने वालों को अधिकतम 35 घंटे ही सप्ताह में काम करना होता है.
ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया को दुनिया में ऑयल और मिनरल का सबसे बड़े निर्यातक देश माना जाता है. ऑस्ट्रेलिया में औसतन एक व्यक्ति को सालाना 31,588 डॉलर सैलरी मिलती है. यह सैलरी 27.7 फीसदी टैक्स काटने के बाद दी जाती है. ऑस्ट्रेलिया में हर सप्ताह में 36 घंटे काम करना होता है.
जर्मनी: जर्मनी में औसतन कम वेतन इसलिए भी मिलता है, क्योंकि जर्मनी के लोग अपनी सैलरी पर 49.8 फीसदी टैक्स देते हैं. पूरे यूरोप में जर्मनी सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है. जर्मनी में औसतन सैलरी सालाना 31,252 डॉलर है.
अमरीका : अमेरिका में 31.6 फीसदी टैक्स देने के बाद एक व्यक्ति को साल में औसतन कम से कम 41,355 डॉलर सैलरी मिल जाती है. वैसे तो अमरीका को सुपरपावर कहा जाता है और अमरीका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन सबसे ज्यादा सैलरी देने के मामले दूसरे नंबर पर है। अमेरिका अपने देश के नौकरीपेशा लोगों को सैलरी के नाम पर मोटी रकम देता है। ये रकम कितनी ज्यादा है, इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं, अमेरिका सबसे ज्यादा सैलरी देने के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। यहां लोगों की औसत आय 60,154 डॉलर यानी 43,59,059 रुपए है। अमरीका में प्रति घंटा न्यूनतम मजदूरी 7.25 डॉलर यानी 525 रुपए है।
आयरलैंड: आयरलैंड सबसे ज्यादा सैलरी देने वाले देश के मामले में चौथे स्थान पर है। यहां लोगों की औसत आय 51,618 डॉलर यानी 37,40,498 रुपए है।
कनाडा: कई मुसीबतों को झेलने के बाद भी इस देश ने हार नहीं मानी और वापस खड़ा हुआ।आज यहां लोगों की औसत आय 48,403 डॉलर यानी 35,07,523 रुपए है।
Jasus is a Masters in Business Administration by education. After completing her post-graduation, Jasus jumped the journalism bandwagon as a freelance journalist. Soon after that he landed a job of reporter and has been climbing the news industry ladder ever since to reach the post of editor at Our JASUS 007 News.