मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, वोटर टर्नआउट पर संदेह का माहौल बनाया जा रहा, जानिए पूरा मामला

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली में एक पोलिंग बूथ पर वोट डाला। इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर बात की, जिसमें चुनाव आयोग के फॉर्म 17सी डेटा और बूथ-वाइज वोटर टर्नआउट पब्लिश करने को लेकर कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया है।मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार  ने कहा कि संदेह का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हम एक दिन निश्चित रूप से सभी के साथ इस पर चर्चा करेंगे। यहां क्या खेल है, संदेह क्यों पैदा किए जाते हैं। हम एक दिन यह सामने लाएंगे और सभी को दिखाएंगे कि लोगों को कैसे गुमराह किया जाता है। लोगों के मन में कैसे संदेह पैदा होता है। राजीव कुमार ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव हाेंगे। राजीव बोले- लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में हुई वोटिंग से चुनाव आयोग उत्साहित है, इसलिए वहां बहुत जल्द विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सरकार डिजर्व करते हैं। यह सुनना बहुत सुकून भरा है कि लोग बड़ी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं। लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो रही हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को ECI की वेबसाइट पर फॉर्म 17सी डेटा अपलोड करने और बूथ-वाइज वोटर टर्नआउट डेटा पब्लिश करने की मांग वाली याचिका पर कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया है। ADR की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने कहा था, वोटर टर्नआउट ऐप पर वोटिंग डेटा अपलोड करना आयोग के लिए आ बैल मुझे मार जैसा हो गया है, पहले वैधानिक जरूरत नहीं होते हुए ऐसा किया। अब जब वोटिंग डेटा 48 घंटे में सार्वजनिक करने की मांग हो रही है तो आयोग हिचकिचा रहा है। अब सिर्फ दो फेज की ही वोटिंग बाकी हैं। ऐसे में डेटा अपलोडिंग के लिए मैनपावर जुटाना चुनाव आयोग के लिए मुश्किल होगा। हमने लोकसभा चुनाव प्रक्रिया में दखल नहीं देने का रवैया अपनाया है। जस्टिस दत्ता ने मौखिक टिप्पणी में कहा- हमें संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ADR की ओर से इस बारे में 2019 में लगाई गई मूल याचिका पर चुनाव के बाद नियमित बेंच में सुनवाई होगी। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की वेकेशन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि लोकसभा चुनाव के 5 फेज की वोटिंग हो चुकी है।