नवाज़ शरीफ़ ने माना कि पाकिस्तान ने लाहौर समझौता तोड़ा; वायरल भाषण से विवाद

जी हां, पाकिस्तान ने 1999 के लाहौल समझौते का उल्लंघन कर धोखा दिया। उस समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में गुप्त रूप से सेना तैनात कर दी थी, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध छिड़ गया था। 25 साल बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस कृत्य को कबूल किया है।उनका एक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की गलती को स्वीकार किया है।

इसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन करना पाकिस्तान की गलती थी। इस समझौते पर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी हस्ताक्षर किए थे, जिसे पाकिस्तान ने तोड़ दिया, जिससे दोनों देशों को परेशानी हुई।नवाज शरीफ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) की बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बात की। उन्होंने खुलासा किया कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे।

इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान का दौरा किया और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका बाद में उनके देश ने उल्लंघन किया। शरीफ ने माना कि यह एक गलती थी। 21 फरवरी 1999 को दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति समझौते लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए।घोषणापत्र में महत्वपूर्ण नियम शामिल थे और शांति, सुरक्षा बनाए रखने और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया था।

हालांकि, कुछ महीने बाद, जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण कारगिल युद्ध हुआ। मार्च 1999 में, परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तानी सेना को लद्दाख के कारगिल जिले में प्रवेश करने का आदेश दिया। घुसपैठ का पता लगाने के बाद, भारत ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप एक युद्ध हुआ जिसमें भारत ने अंततः जीत हासिल की।पहले परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ पर, नवाज शरीफ ने खुलासा किया कि राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उन्हें पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए 5 बिलियन डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि अगर इमरान खान उनकी जगह होते, तो खान क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर लेते। शरीफ ने कहा कि एक झूठे मामले के कारण उन्हें 2017 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया।

उन्होंने पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) पर अब जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। शरीफ ने इमरान खान को चुनौती देते हुए कहा कि वे दूसरों पर आरोप न लगाएं और पुष्टि करें कि क्या पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल जहीरुल इस्लाम ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सत्ता में लाने पर चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया, तो उन्होंने उन्हें एक उदाहरण बनाने की धमकी दी।