दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में लॉकडाउन द्वारा श्रमिकों को लंबे समय से फस गए है। अब जब उन्हें लगभग एक महीने के बाद घर जाने की अनुमति दी गई है, तो केंद्र सरकार ने मजदूरों के पास ही रेलवे के किराए का सारा खर्च लिया जा रहा हे । राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई और अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा फैसला लिया। कांग्रेस पार्टी सभी जरूरतमंद मजदूरों के लिए रेलवे टिकट का खर्च वहन करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तय किया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रत्येक इकाई कार्यकर्ता के घर तक रेल यात्रा का खर्च वहन करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि देश के मजदूरों को स्वदेश लौटने के अधिकार से वंचित करते हुए केवल चार घंटे के नोटिस पर तालाबंदी की गई थी। 1947 के बाद पहली बार देश ने ऐसा मंजर देखा जब लाखों मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर जा रहे हैं।
सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, ‘जब हम लोग बिना किसी खर्च के विदेश में फंसे भारतीयों को वापस ला सकते हैं।’ गुजरात में, एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। यदि रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो यह मुश्किल समय में मजदूरों को काम पर रखने का खर्च क्यों नहीं उठा सकता है?
जब 24 मार्च को तालाबंदी हुई, तो लाखों मजूर वहां फंसे हुए थे। फिर अब लगभग 40 दिनों के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई है, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के बयान पर उनके लिए एक विशेष ट्रेन को मंजूरी दी है। लेकिन इस बीच, राज्य सरकार श्रम की लागत वहन करेगी। हालांकि यह केवल मजदूरों से लिया जाएगा। रेल मंत्रालय के फैसले की भारी आलोचना हुई। न केवल राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों द्वारा इसका विरोध किया गया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसकी आलोचना की गई है।