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नरेन्द्र मोदी का जीवन परिचय | Narendra Modi Biography in hindi

 

नरेंद्र मोदी जी ऐसी सख्शियत है, जोकि देश हो या विदेश सभी जगह प्रसिद्ध हैं. मोदी जी हमारे देश के 15 वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत है. सन 2014 और फिर 2019 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर मोदी जी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की. मानो पुरे देश में मोदी लहर सी आ गई है, अधिकतर भारतीय मोदी जी पर पूर्ण विश्वास रखे है कि वो उन्हें उज्जवल भविष्य देंगें . स्वतंत्रता के बाद ऐसी जीत हासिल करने वाले ये भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. लगातार दूसरी बार मोदी जी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आये है. प्रधानमंत्री बनने के पहले से लेकर बाद तक इन्होंने भारत देश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये. हालाँकि मोदी जी बहुत से विवादों में भी घिरे पाए गए हैं, लेकिन इनकी नीतियों की हमेशा प्रशंसा की जाती रही है. मोदी जी ने अपने जीवन में क्या – क्या महत्वपूर्ण कार्य किये हैं एवं इनका अब तक का जीवन कैसा रहा यह सभी बातें आज हम इस लेख के माध्यम से आप तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं.

 

नाम :    नरेंद्र दामोदरदास मोदी

जन्म :  17 सितम्बर 1950 वडनगर


जिला-मेहसाना (गुजरात)


पिता :   दामोदरदास मूलचंद मोदी


माता :   हीराबेन मोदी


पत्नी :   जसोदा बेन चमनलाल


भाई-बहन : सोमाभाई, अमृत, प्रहलाद, पंकज, वासंती (बहन)


कद :     170 सेमी /5’7″फुट


वजन :  68 किलो ग्राम


उम्र (2018) :     68 वर्ष


हॉबी: घूमना, पढ़ना, कविताएं लिखना

 

नरेंद्र मोदी के बारे में जानने योग्य तथ्य 

पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी
जन्म 17 सितंबर 1950 में वडनगर, बॉम्बे राज्य, भारत
धर्म हिंदू
पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी
माता हीराबेन
 

भाई

सोमा: एक सेवानिवृत्त स्वास्थ्य अधिकारी हैं। अब अहमदाबाद में एक वृद्धाश्रम चलाते हैं।

प्रहलाद: अहमदाबाद में एक उचित मूल्य की दुकान चलाते हैं। वह निष्पक्ष-मूल्य वाले दुकान मालिकों के हितों के लिए संघर्ष भी करते हैं।

पंकज मोदी: सूचना विभाग, गांधीनगर में काम करते हैं।

निवास स्थान गांधीनगर, गुजरात
विवाह मोदी के विवाह का मुद्दा मामूली विवाद था। बाद में पता चला कि उनकी बचपन में शादी हो गई थी, लेकिन बाद में एकसाथ रहने से इनकार करके, संघ में शामिल हो गए।
किशोरावस्था मोदी अपनी किशोरावस्था में और उनके भाई एक चाय की दुकान चलाते थे।
शिक्षा उनका विद्यालय वडनगर में था। उनके शिक्षकों के अनुसार, वह एक औसत-दर्जे के छात्र थे, लेकिन उनको वाद-विवाद में बहुत रुचि थी।
परास्नातक गुजरात विश्वविद्यालय
व्यवसाय गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री। 26 मई 2014 के बाद से वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मोदी की छवि एक कट्टर आरएसएस समर्थक और हिंदू राष्ट्रवादी की है। उन्होंने भारत और विदेश दोनों के बीच नए रिस्तों को जन्म दिया है।
राजनीति की शुरुआत नागपुर में आरएसएस प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मोदी ने गुजरात में आरएसएस के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का पदभार संभाला।
राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी
निर्वाचन क्षेत्र मणिनगर
इनसे पहले केशु भाई पटेल
कल्पित कार्यभार ग्रहण 10-07-2001
भाजपा के महासचिव उसके तुरंत बाद, मोदी को भाजपा का महासचिव बनाया गया और हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की गतिविधियों की देख रेख शुरू की। उनके काम से उन चुनावों में पार्टी की जीत हुई।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव वर्ष 1998 में, मोदी भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बने।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रथम कार्यकाल (वर्ष 2001-02)  मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में केशु भाई पटेल की जगह ली, क्योंकि उत्तराखंड भ्रष्टाचार और गरीब प्रशासन की समस्याओं से निजात पाने के लिए संघर्ष कर रहा था। उस समय मोदी में अनुभव की कमी होने के कारण, लालकृष्ण आडवाणी उनसे बहुत आश्वस्त नहीं थे। 7 अक्टूबर 2001 को मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया गया और दिसंबर 2002 में चुनावों के लिए भाजपा को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, मोदी ने, आरएसएस से जुड़े होने के कारण निजीकरण और व्यापार में न्यूनतम हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बहुत अच्छा काम किया।
गुजरात हिंसा (वर्ष 2002) एक ट्रेन पर 58 हिंदू तीर्थ यात्रियों की हत्या के बाद राज्य में गोधरा दंगों का पता चला। सांप्रदायिक हिंसा की वजह से करीब 1,000-2,000 मुस्लिम मारे गए थे। जवाब में, मोदी सरकार ने राज्य में कर्फ्यू लगावाया, गोलीबारी की व्यवस्था के आदेश जारी किए और सेना को तैनात किया। मोदी सरकार पर ऐसे आरोप थे कि उन्होंने हिंसा को उकसाया था, लेकिन विशेष जाँच दल (एसआईटी) को ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला। हालांकि, 7 मई 2002 को, इस मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार राजू रामचंद्रन ने एक विपरीत विचार दिया और कहा कि मोदी पर मुकदमा किया जा सकता है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस चली, जिसमें विपक्षी दल ने मोदी के इस्तीफे की माँग की।
वर्ष 2002 के चुनावों में मोदी की जीत चुनावों में तुरंत मोदी ने एक मजबूत विरोधी मुस्लिम रुख अपनाया और 182 सीटों में से 127 को जीतने में कामयाब रहे।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल (2002-07) मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान हिंदुत्व को अपनाते हुए पूरी तरह से आर्थिक विस्तार करने के लिए अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तरह जैसा कि गुजरात में देखा गया था प्रतिक्रियावादी संगठनों पर शासन किया, क्योंकि गुजरात की अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ गया था। इसका एक संकेतक वर्ष 2007 सांप्रदायिक हिंसा सम्मेलन था, जिसमें उन्होंने अगुवाई करते हुए 6,600 अरब रुपये की कीमत वाली जमीन पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, उन्होंने खुद को पार्टी में तेजी से विमुख कर लिया और यहाँ तक कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भी मोदी से खुद को दूर कर लिया था। मीडिया में आलोचना भी बहुत हुई, साथ ही मोदी की समानता एडॉल्फ हिटलर से की गई।
वर्ष 2007-08 चुनाव जल की परेशानी के बावजूद भी मोदी ने वर्ष 2007 के चुनाव में 182 सीटों में से 122 सीटों पर जीत हासिल की।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरा कार्यकाल (2007-12) अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान, मोदी ने गुजरात के कृषि उद्योग को बदलना शुरू किया, भूजल ततनीकि को बेहतर बनाने के लिए सफल परियोजना शुरू की। इस समय के दौरान, लगभग 1,13,738 निर्माण-कार्य किए गए थे। परिणामस्वरूप राज्य में कपास के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई, जिससे अर्थव्यवस्था में भी तेजी से वृद्धि हुई और 10.97 प्रतिशत की उच्च चक्रवृद्धि वार्षिक दर दर्ज की गई।
सद्भावना मिशन और अनाहार मोदी ने अपने सद्भावना मिशन या गुडविल मिशन के जरिए सांस्कृतिक संबंधों में सुधार और राज्य में शांति को बढ़ावा देने के लिए कई उपवास भी किए। हालांकि, इसका किसी पर ज्यादा प्रभाव नहीं हुआ था।
सामाजिक मीडिया की स्वीकृति मोदी भारत में सबसे अधिक नेट-प्रेमी राजनीतिक नेता हैं। वह ट्वीटर और गूगल प्लस हैंगआउट का प्रभावी रूप से उपयोग करते हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल (वर्ष 2012) वर्ष 2012 के चुनावों में कोई भी आश्चर्यचकित नहीं हुआ, क्योंकि भाजपा ने एक बार फिर से विधानसभा की 182 सीटों में से 115 पर जीत दर्ज की थी।
राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका वर्ष 2013 मोदी के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने केंद्र स्तर पर खुद को पेश किया था। भाजपा ने प्रधानमंत्री की स्थिति के लिए मोदी को, भाजपा के केंद्रीय चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष चुना।
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भाजपा ने पार्टी के ध्रुवीकरण के एक फैसले में, मोदी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण उन्हें चुनने का फैसला किया और वर्ष 2014 के चुनाव में उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना। भाजपा ने सितंबर 2013 में, वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया।
भारत के प्रधानमंत्री के रूप में भाजपा वर्ष 2014 के आम चुनावों में भारी जनादेश के साथ विजयी हुई। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
पुरस्कार और मान्यता गुजरात रत्न, श्री पूना गुजराती बंधु समाज द्वारा प्रदान किया गया।भारतीय सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा ई-रत्न पुरस्कार से सम्मानित।

वर्ष 2006 की इंचिया टुडे सर्वे के अनुसार, सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री।

एफडीआई पत्रिका द्वारा वर्ष 2009 के लिए पर्सनाल्टी ऑफ द ईयर अवार्ड (एशिया) से सम्मानित।

मार्च 2012 में टाइममेगाजीन (एशिया) के कवर पर प्रदर्शित।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राजनीतिक करियर Narendra Modi’s Political Life in Hindi
1971 में, भारत-पाक युद्ध के ठीक बाद, गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम में कर्मचारी कैंटीन में काम करते समय मोदी एक प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) Rashtriya Swayamsevak Sangh(RSS) में शामिल हो गए। वे भाषण देने में निपुण थे। इस समय उन्होंने खुद को राजनीति में समर्पित करने का एक सचेत निर्णय लिया।

आरएसएस में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए और 1977 के दौरान आपातकालीन आपात आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी से उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारियां दी गईं। धीरे-धीरे एक-एक कदम बढ़ते हुए, उन्हें जल्द ही गुजरात में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रभारी बनाया गया।

उनकी क्षमता को देखते हुए और एहसास करते हुए कि वह क्या हो सकते हैं, आरएसएस ने उन्हें 1985 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल किया। हर कदम पर उन्हें जो भी ज़िम्मेदारी उन्हें सौंपी गई, उसमे नरेंद्र मोदी ने अपनी ताकत साबित कर दी और जल्द ही उन्होंने पार्टी को अपरिहार्य बना दिया। 1988 में, वह भाजपा के गुजरात विंग के आयोजन सचिव बने, और 1995 के राज्य चुनावों में पार्टी को जीत दिला दी। इसके बाद उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नई दिल्ली में स्थानांतरित किया गया।

 

नरेंद्र मोदी की पत्नी का क्या नाम है?

उनकी सगाई 13 वर्ष में जसोदा बेन चमनलाल (narendra modi wife name) से हो गयी थी और उनकी शादी 17 वर्ष की उम्र में हो गयी थी।

शादी के बाद The Financial Express की खबर के अनुसार वो दोनों साथ में कई वर्ष तक रहे और बाद में अलग अलग रहने लगे जिसमें केवल नरेंद्र मोदी की इच्छा थी। और कुछ लेखकों का कहना है की “उन दोनों की शादी जरूर हुई परन्तु वे दोनों कभी एक साथ नहीं रहे”।

शादी के कुछ वर्षों बाद मोदी जी ने घर का त्याग कर दिया था और एक तरीके से उनका वैवाहिक जीवन समाप्त ही हो गया था।

मोदी जी की इस शादी वाली बात पर बड़ा बखेड़ा हुआ था। हालाँकि उन्होंने पिछले चार विधान सभा चुनावों में अपनी बीती हुई शादीशुदा जिंदगी के बारे में कभी जिक्र भी नहीं किया है और उनका कहना है कि शादीशुदा जिंदगी की बात ना बता कर उन्होंने कोई पाप नहीं किया है।

उनका मानना है कि एक शादीशुदा के मुकाबले बिना शादी वाला व्यक्ति भ्रष्टाचार से ज्यादा लड़ सकता है क्योंकि उसे अपनी पत्नी और बच्चों की कोई चिंता नहीं रहती है और वो भ्रष्टाचार के खिलाफ आसानी से लड़ सकता है और तो और उन्होंने शपथ पत्र दिखा कर, जसोदा बेन को अपनी पत्नी स्वीकारा है।

Biography of Narendra Modi in Hindi – Life Story

नरेंद्र मोदी के बारे में बात करें तो नरेंद्र मोदी जी का बचपन बड़ी ही गरीबी में गुजरा। उनके पिता जी की चाय की दुकान थी और उनकी माँ दूसरों के घरों में बर्तन साफ किया करती थीं! दो वक्त का खाना भी बहुत मुश्किल से मिलता था।

मोदी जी बहुत छोटे एवं कच्चे घर में उनका बचपन बीता। उनका जीवन बहुत संघर्ष वाला था उन्होंने अपने बचपन में ही बहुत उतार चढ़ाव देखे थे।

वह बचपन से ही स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपना आदर्श मानते थे। और उन्हें बचपन से ही पढ़ने का बहुत शोक था। कुछ पारिवारिक समस्या के कारण 1967 में 17 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया।

वह घर छोड़ने के बाद कई आश्रम और मठ में अपना जीवन व्यतीत करने लगे। इन्ही दिनों में उन्होंने बहुत दुनिया देख ली थी। बहुत सोच विचार के बाद ये दो वर्ष बाद वापस घर आ गये।

इन सबके बाद मोदी जी (R.S.S.) आर.एस.एस. के सदस्य बने और फिर उन्होंने काम बहुत ईमानदारी से किया, लेकिन इन सबके बावजूद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और पॉलिटिक्स में डिग्री हासिल की। वह लोगो की समस्याओं, उनकी मुसीबतों को सुनते और दूर करने की कोशिश करते।

Narendra Modi Wiki in Hindi – Political Journey

नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफर

वे विश्वविद्यालय पड़ते समय वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने लगे थे। उन्होंने शुरुआत से ही राजनीतिक में अपनी रूचि दिखाई और भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत करने की प्रमुख भूमिका दिखाई।

गुजरात में “शंकर सिंह वाघेला” का जनाधार मोदी जी की वजह से बहुत मजबूत हो गया था।

अप्रैल 1990 में केंद्र में मिली जुली सरकारों का समय आया और मोदी जी की महमंत ने रंग दिखाया “भारतीय जनता पार्टी” ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर 1995 में अपनी सरकार बनाई और उस समय दो राष्ट्रीय घटना हुई।

PM Narendra Modi News in Hindi

पहली घटना में हुआ ये की आडवाणी जी ने सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथ यात्रा निकाली जिसमें प्रमुख सारथी का काम मोदी जी ने किया और इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित कश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी ने रथ यात्रा भी मोदी की देखरेख में ही हुई।

इसके बाद “शंकर सिंह वाघेला” ने पार्टी से त्यागपत्र दिया और केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया और मोदी जी को दिल्ली बुलाकर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मंत्री बना दिया गया।

1995 में मोदी जी को प्रमुख पांच राज्यों में पार्टी संघटन का काम दिया गया जिसे मोदी जी ने किया भी।

1998 में उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री संगठन सौंपा गया और उस पद पर 2001 तक मोदी ने काम किया और 2001 में केशुभाई को हटा कर मुख्यमंत्री के पद पर मोदी जी को मुख्यमंत्री बना दिया गया।

Information About Narendra Modi in Hindi

गुजरात में मोदी जी का काम मुख्यमंत्री के रूप में:

केशु भाई की तबीयत कुछ खराब होने लगी थी और भाजपा चुनाव में कई सीटें हार चुकी थी जिसके कारण उन्हें 2001 में मोदी जी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री के रूप में उम्मीदवार बनाया।

हालाँकि मोदी जी चाहते थे की गुजरात की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं को मिले जिसके कारण पटेल के उप मुख्यमंत्री बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और टल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से कहा की:

अगर मुझे मुख्यमंत्री बनाना है तो अकेले का बनाओं जिस कारण 03 अक्टूबर 2001 को यह मुख्यमंत्री बने और 2002 में होने वाले चुनाव की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी।

07 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री कार्यकाल का पहला दिन शुरू था और इसके बाद मोदी जी ने राजकोट चुनाव लड़ा और कांग्रेस पार्टी के अश्विन मेहता को 14728 मतों से हारना पड़ा।

नरेंद्र मोदी जी वैसे तो अपने कर्मशील व्यव्हार के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने गुजरात में भी कई हिंदु मंदिरों को तोड़ने में कोई हस्तक्षेप नहीं किया क्योंकि वो मंदिर क़ानूनी कायदे से दूर थे।

इस हरकत से उन्हें विश्व हिन्दू परिषद जैसे संगठन से भला बुरा सुनने को मिला। उन्होंने कोई परवाह नहीं की क्योंकि उन्हें लगता है कि वह सही कर रहे हैं।

उन्हें कुर्ता पजामा पहनना बहुत अच्छा लगता है पर कभी-कभी सूट भी पहन लेते हैं। वैसे उनकी मातृभाषा गुजराती है पर वे हिंदी और अंग्रेजी भाषा भी बोल लेते हैं।

मोदी जी की देखरेख में 2012 में हुए गुजरात विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत प्राप्त किया और भाजपा को इस बार 115 सीटें मिली।

गुजरात की विकास योजना – नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय

 

मुख्यमंत्री होने के बाद मोदी जी ने गुजरात में विकास किया व उनकी योजना निम्नलिखित हैं।

  1. पंचामृत योजना ⇒ राज्य के एक जुट विकास की योजना |
  2. सुजलाम सुफलाम ⇒ राज्य में जलस्रोतों का उचित व् बिना बर्बाद किये उपयोग, जिससे जल बर्बाद न हो |
  3. कृषि महोत्सव ⇒ उपजाऊ भूमि के लिए शोध प्रयोगशालाएं |
  4. चिरंजीवी योजना ⇒ जन्म लेने वाले बच्चे की मृत्युदर में कमी लाने के लिए |
  5. माँ वंदना ⇒ जच्चा –बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए |
  6. बेटी बचाओ ⇒ भ्रूण हत्या व लिंगानुपात पर अंकुश हेतु |
  7. ज्योतिग्राम योजना ⇒ प्रत्येक गाँव में बिजली पहुँचाने के लिए |
  8. कर्मयोगी अभियान ⇒ सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने के लिए|

मोदी ने आदिवासियों के लिए विकास किये

आतंकवाद पर मोदी के विचार

“आतंकवाद युद्ध से भी बदतर है। एक आतंकवादी के कोई नियम नहीं होते । एक आतंकवादी तय करता है की कब, कैसे कहाँ और किसे मारना है। भारत ने युद्धों की तुलना में आतंकी हमलों में अधिक लोगों को खोया है।” – मोदी जी ने कहा

18 जुलाई 2006 को मोदी ने एक भाषण में आतंकवाद निरोधक अधिनियम जैसे आतंकवाद विरोधी विधान लाने के खिलाफ उनकी नामंजूरी को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की.

मुंबई की उपनगरीय रेलों में हुए बम विस्फोट हुआ था जिसके कारण उन्होंने केन्द्र सरकार से राज्यों को सख्त कानून लागू करने के लिए मांग की।

Narendra Modi History in Hindi

गुजरात में हुए दंगों के बारे में

 

27 फरवरी 2002 को अयोध्या से गुजरात वापस लौट कर आ रहे कारसेवकों को गोधरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन को मुसलमानों की खतरनाक भीड़ ने आग लगा कर जला दिया था जिसमे 59 कारसेवक मारे गए थे।

जिसके कारण पुरे गुजरात में हिन्दू मुस्लिम में दंगे भड़क चुके थे। जिसमें मरने वालों की संख्या करीब 1180 थी और अल्पसंख्यक लोग ज्यादा थे।

इस घटना पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी प्रशासन को दोषी ठहराया और कांग्रेस और विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया और इस्तीफे की मांग की।

मोदी ने गुजरात की दसवीं विधानसभा भंग होने पर अपना त्यागपत्र राज्यपाल को दे दिया और पुरे देश में राष्ट्रपति को शासन करना पड़ा, दुबारा चुनाव हुए जिसमे भारतीय जनता पार्टी ने मोदी जी के नेत्रत्व में विधान सभा की कुल 182 सीटों में से 127 सीटों पर जीत हांसिल हुई।

2002 अप्रैल में भारत के उच्चतम न्यायलय ने विशेष जाँच भेजी ताकि पता चल सके की इसके पीछे मोदी का हाथ तो नहीं था।

ये जांच केवल दल दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की शिकायत पर किया थे| “विशेष जाँच दल” (special investigation team) की रिपोर्ट पर ये पता चला की नरेंद्र मोदी ने कुछ भी नहीं किया.

उसके बाद 2011 फरवरी में टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने कहा की रिपोर्ट में कुछ बातें छुपाई गयी है और बिना सबूतों के मोदी को अपराध से छुटकारा नहीं मिल सकता.

इंडियन एक्सप्रेस का भी यही कहना था | और द हिन्दू में प्रकाशित रिपोर्ट में यह कहा गया है की मोदी ने ना केवल बहुत बड़े युद्ध को रोका बल्कि प्रतिक्रिया स्वरुप उठे गुजरात के दंगों में मुस्लिम उग्रवादियों के मारने को सही बताया है.

BJP ने मांग की विशेष जाँच दल (S.I.T.) की रिपोर्ट को लिक करके प्रकाशित करवाया गया और इसमें कांग्रेस का हाथ था और इसकी भी जांच उच्चतम न्यायलय द्वारा की जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद के ही एक मजिस्ट्रेट को इसकी जांच करने के लिए कहा | 2012 अप्रैल में फिर एक विशेष जांच के दल ने साबित किया की मोदी जी का दंगों में कोई प्रत्यक्ष हाथ नहीं है.

07 मई 2012 को उच्चतम न्यायलय द्वारा नियुक्त जज राजू रामचंद्रन ने रिपोर्ट में कहा है की गुजरात में हुए दंगों में यदि मोदी का हाथ है तो उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (1)(क)व् (ख), 153 बी (1), 166 तथा 505 (2) के अंतर्गत सभी समुदायों के दुश्मनी की भावना फ़ैलाने के अपराध में दण्डित किया जा सकता है.

26 जुलाई 2012 को नई दुनिया के लेखक शाहिद सिद्दीकी ने मोदी का इंटरव्यू लिया जिसमे मोदी ने कहा की “जैसा की में पहले भी कह चूका हूँ की 2002 में हुए दंगों के पीछे मेरा कोई हाथ नहीं है| और उसके लिये मैं माफी क्यों मांगू? और यदि मेरी सरकार ने ऐसा किया है तो मुझे फांसी दे दो”

मुख्यमंत्री ने गुरूवार को नई दुनिया में कहा है की अगर मोदी गुनाहगार हैं तो उन्हें फांसी दे दो।

मोदी जी का कहना था की कब तक गुजरे जमाने को लिए बैठे रहोगे? ये क्यों नहीं दिखाई देता कि पिछले एक दशक में गुजरात ने कितने तरक्की की है ? और इस तरक्की का फायदा तो मुस्लिम परिवार को भी हुआ है.

केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से इस बात पर पूछा गया तो उन्होने कहा की “पिछले 12 वर्षों मैं एक बार भी गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफ़०आई०आर० (FIR) दर्ज नहीं हुई है तो आप उन्हें दोषी कैसे ठहरा सकते हो ? उन्हें कोन फांसी देने जा रहा है?

बाबरी मस्जिद के लिए 45 वर्षों से मुकदमा लड़ रहे मोहम्मद हाशिम अंसारी (92 वर्ष) का भी यही कहना है की नरेंद्र मोदी जी के प्रान्त गुजरात में मुस्लमान खुशहाल हैं और समृद्ध भी हैं | और कांग्रेस हमेशा ही मुस्लिमों में मोदी को ले कर भय पैदा करती है.

2014 सितम्बर में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अबात ने कहा की मोदी जी को 2002 के दंगों के लिए दोषी नहीं ठहराना चाहिए क्यूंकि वो मात्र एक आधिकारी थे जो “अनगिनत जांच में पाक साफ़ साबित हुए हैं|”

लोकसभा चुनाव 2014 (प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार)

भाजपा कार्यसमिति द्वारा गोवा मैं नरेंद्र मोदी को 2014 को लोक सभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी गयी थी| 13 सितम्बर 2013 को संसदीय बोर्ड की बैठक मैं लोकसभा के चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया.

उस समय बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद नहीं थे तो पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने घोषणा की| और मोदी ने चुनाव अभियान की कमान राजनाथ सिंह को सोंप दी.

प्रधानमंत्री के पद का उम्मीदवार मोदी को बनाया गया और पहली रैली हरियाणा से रिवाड़ी शहर पहुंची | सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी भी हुए.

नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय “लोक सभा चुनाव (2014) में मोदी की स्थिती”

समाचार चैनलों व समाचार पत्रों द्वारा किये गए सर्वेक्षणों में मोदी पहली पसंद थे जो की प्रधानमंत्री बनने के लिए सही भी थे| सितम्बर 2016 में निलसन होल्डिंग और इकोनोमिक्स टाइम्स के अनुसार 100 भरतीय कॉरपोरेट्स में से 74 कारपोरेट्स ने नरेंद्र मोदी तथा 7 ने राहुल गाँधी को बेहतर प्रधानमंत्री बताया.

एक इंटरव्यू के दौरान नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमृत्य सैन मोदी को बेहतर प्रधानमंत्री नहीं मानते हैं | इसके बावजूद जगदीश भगवती और अरविन्द पानगडिया को मोदी जी का अर्थशास्त्र अच्छा लगता है.

योग गुरु स्वामी रामदेव और कथावाचक मुरारी बापू ने नरेंद्र मोदी को सही कहा है.

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने पुरे भारत का भ्रमण किया | और तब 3 लाख किलोमीटर की यात्रा की |

पुरे देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियों में, 3 डी सभाएं (चलचित्र) व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल 5827 कार्यकर्म किये|

26 मार्च 2017 को चुनाव अभियान की शुरुआत माँ वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ जम्मू से की और समापन मंगल पाण्डेय की जन्मभूमि बलिया में किया.

चुनाव का परिणाम:

राष्ट्रिय गठबंधन 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा और भारतीय जनता ने उनमे से 282 सीटों की जीत हांसिल की और कांग्रेस ने कुल 44 सीटों पर सिमट कर रह गयी और उसके गठबंधन को केवल 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा.

नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन् 2001 से 2014 तक लगभग 13 साल गुजरात के 14 वें मुख्यमंत्री रहे ओर हिंदुस्तान के 15वे प्रधानमंत्री बने.

नेता प्रतिपक्ष चुनाव हेतु विपक्ष को एकजुट होना ही पड़ेगा क्योंकि किसी भी एक दल ने कुल लोकसभा सीटों के 10 प्रतिशत का आंकड़ा भी नहीं छुआ है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह

20 मई 2014 को संसद भवन में भारतीय जनता द्वारा आयोजित भाजपा संसदीय दल एवम सहयोगी दलों की एक संयुक्त बैठक में जब लोग आ रहे थे तब मोदी जी ने अन्दर पैर रखने से पहलें संसद भवन को जमीन से छु कर नमस्ते किया जैसे की मंदिर में घुसने से पहले लोग मंदिर की सिडीयों को छुते हैं.

संसद भवन में पहले कभी ऐसा किसी ने नहीं किया और ये सभी के लिये एक सिख है | उस बैठक में मोदी को न केवल भाजपा संसदीय दल अपितु एनडीए का भी नेता चुना गया.

राष्ट्रियपति ने नरेंद्र मोदी जी को भारत का 15वा प्रधानमंत्री नियुक्त करते हुए इसका विधिवत पत्र सौंपा | सोमवार 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली |

वडोदरा सीट से इस्तीफा क्यों दिया ?

नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक अंतर से जीती गुजरात के वड़ोदरा सीट को त्याग दिया और उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधत्व करने का फैसला किया और घोषणा की कि गंगा की सेवा के साथ इस प्राचीन नगरी का विकास करेंगे.

प्रधानमंत्री के रूप में : (मोदी का शपथ ग्रहण समारोह)

नरेंद्र मोदी का 26 मई 2014 से भारत में 15वें प्रधानमंत्री का कार्यकाल राष्ट्रियपति भवन में आयोजित शपथ लेने के बाद शुरू हुआ | और मोदी जी के साथ 45 नेताओं ने भी गोपनीयता की शपथ ली.

मोदी जी के साथ 46 में से 36 ने हिंदी में शपथ ली और 10 ने अंग्रेजी में शपथ ली इस सामारोह में अलग अलग देशों के राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख लोगों सहित सार्क देशों के राष्ट्रअध्यक्षों को भी बुलाया गया था.

सार्क देशों के मुख्य लोगों के नाम जो समारोह में थे |

अफगानिस्तान हामिद करजई (राष्ट्रपति)
बांग्लादेश शिरीन शर्मिन (संसद की अध्यक्ष)
भूटान शेरिंग तोबगे (प्रधानमंत्री)
मालदीव अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम (राष्ट्रपति)
मोरिशस नवीनचंद्र रामगुलाम (प्रधानमंत्री)
नेपाल सुशील कोइराला (प्रधानमंत्री)
पाकिस्तान नवाज शरीफ (प्रधानमंत्री)
श्रीलंका महिन्दा राजपक्षे (प्रधानमंत्री)

समारोह से सम्बन्धित मतभेद:

ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) और राजग का घटक दल, मरुमचार्ली द्रविड़ मुनेत्र कझगम (MDMK) नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार के श्रीलंकाई प्रधानमंत्री को बुलाने के फैसले को गलत बताया.

MDMK प्रमुख वाईको, मोदी से मिले और निमंत्रन का फैसला बदलवाने की कोशिश की, साथ में कांग्रेस नेता ने उनका विरोध किया | और साथ में श्रीलंका और पाकिस्तान ने भारतीय मछुवारों को रिहा किया | और मोदी ने आने वालों का स्वागत किया.

समारोह में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को बुलाया गया था| और कर्णाटक के मुख्यमंत्री, सिधारर्मैया (कोंग्रेस) और केरल के मुख्यमंत्री, उम्मन चांदी (कोंग्रेस) ने आने से मना कर दिया.

तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता ने भी आने से मना कर दिया और प० बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने अपनी जगह मुकुल रॉय और अमित मिश्रा को भेजा.

वडोदरा में एक चाय बेचने वाला किरण महिदा, जिन्होंने मोदी की उम्मीदवारी प्रस्तावित की थी उनको भी बुलाया गया था, और मोदी जी की माँ और अन्य तीन भाइयों ने ये कार्यकर्म टीवी पर लाइव देखा।

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उपाय

  1. भ्रष्टाचार से संबंधित स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT)
  2. योजना आयोग की समाप्ति की घोषणा की।
  3. प्रधानमंत्री जन धन योजना का आरम्भ।
  4. रक्षा उत्पादन क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति।
  5. 45% का कर देकर काला धन घोषित करना।
  6. सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को हरी झंडी।
  7. रेल बजट प्रस्तुत नहीं किया जायेगा।
  8. काले धन को और अर्थव्यवस्था को सामान रुप से लाने के लिए 8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया।
List of Schemes Launched by Modi Government in Hindi
  1. वित्तीय समावेशन के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना
  2. बेहतर स्वच्छता सुविधाओं और सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए स्वच्छ भारत मिशन।
  3. बैंकिंग सेवाओं के लिए मुद्रा बैंक योजना।
  4. युवा कार्यबल को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना।
  5. ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आदर्श आदर्श ग्राम योजना।
  6. विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया।
  7. गरीब कल्याण योजना।
  8. ई-बस्ता एक ऑनलाइन शिक्षण मंच।
  9. बालिका के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए सुकन्या समृद्धि योजना।
  10. Padhe Bharat Badhe Bharat बच्चों के पढ़ने, लिखने और गणितीय कौशल को बढ़ाने के लिए।
  11. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बीपीएल के रूप में रहने वाले परिवारों को एलपीजी प्रदान करती है।
  12. सिंचाई में दक्षता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना।
  13. प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना एक ऐसी योजना है जो फसल खराब होने पर बीमा प्रदान करती है।
  14. एलपीजी सब्सिडी योजना।
  15. डीडीयू-ग्रामीण कौशल्या योजना ‘कौशल भारत’ मिशन के एक भाग के रूप में ग्रामीण युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती है।
  16. नई मंज़िल योजना मदरसा छात्रों को दिया जाने वाला एक कौशल आधारित प्रशिक्षण है।
  17. स्टैंड अप इंडिया महिलाओं और SC / ST उद्यमियों का समर्थन करेगा।
  18. अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक पेंशन योजना है।
  19. प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना दुर्घटना के खिलाफ बीमा प्रदान करती है।
  20. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जीवन बीमा प्रदान करती है।
  21. Sagar Mala Project scheme
  22. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करता है)।
  23. रूर्बन मिशन योजना गांवों में आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगी।
  24. प्रधानमंत्री आवास योजना सभी के लिए किफायती आवास प्रदान करती है।
  25. जन औषधि योजना एक ऐसी योजना है जो सस्ती दवा उपलब्ध कराती है।
  26. डिजिटल रूप से सुसज्जित राष्ट्र और अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल इंडिया।
  27. ऑनलाइन दस्तावेजों को हासिल करने के लिए डिजिलॉकर।
  28. स्कूल नर्सरी योजना
  29. स्वर्ण मुद्रीकरण योजना

“लोगों का आशीर्वाद आपको अथक परिश्रम करने की शक्ति देता है। केवल आवश्यक चीज प्रतिबद्धता है।” – नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मादी की विदेशी नीति और नरेंद्र मोदी की शिक्षा

 

  1. शपथग्रहण समारोह में सार्क देशों को बुलावा |
  2. भूटान की यात्रा सबसे पहले की |
  3. ब्रिक्स सम्मेलन में नए विकास बैंक की स्थापना |
  4. नेपाल यात्रा के समय पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा |
  5. अमेरिका और चीन से पहले जापान की यात्रा |
  6. पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय जगत से अलग थलग करने में सफल |
  7. जुलाई 2017 इसराइल की यात्रा ,और नए सम्बन्ध बनाये |

कुछ नीतियां हैं जानने योग्य पढियेगा जरूर!

घरेलू नीति:

  1. हजारों NGO का पंजीकरण रद्द करना |
  2. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को “अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय” न मानना
  3. तीन बार तलाक कहकर तलाक देने को बंद कर दिया |
  4. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोका |
  5. 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को सांसदों एवं विधायकों को मंत्री पद न देने का कड़ा निर्णय |

आम लोगों को जोड़ने की पहल

“मन की बात” नामक कार्यक्रम से लोगों तक अपनी बातों को पहुचाना और लोगों की बातों को जानना उन्हें अपने द्वारा चलाई गयी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करना.

सम्मान और पुरस्कार

  1. 2014 में फोर्ब्स पत्रिका में विश्व के शक्तिशाली व्यक्तियों में 14 वा स्थान |
  2. 2015 में विश्व के शक्तिशाली लोगों में 9वा स्थान फोर्ब्स पत्रिका के सर्वे में |
  3. 2016 में विश्व प्रसिद्ध फोर्ब्स पत्रिका में विश्व का 9वा स्थान |
  4. अप्रैल 2016 में नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के उच्चतम नागरिक सम्मान “अब्दुलअजीज अल सऊद के आदेश“ (The Order of Abdulaziz Al Saud)
  5. जून 2016 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भारतीय प्रधानमंत्री के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अमीर अमानुल्ला खान अवार्ड से सम्मानित किया |
FAQ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Narendra Modi Book

नरेंद्र मोदी कौन है?
नरेंद्र दामोदरदास मोदी 2014 से भारत के 14 वें और वर्तमान प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करने वाले एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वाराणसी के लिए संसद सदस्य हैं।

What is the age of Mr. Narendra Modi?
Narendra Modi Age: 69 years, 17 September 1950

How Many Narendra Modi Twitter Followers?

 

52.6M Followers (15/01/2020)

 

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