अरविंद केजरीवाल जीवनी – Biography of Arvind Kejriwal in Hindi Jivani

अरविंद केजरीवाल का जीवन परिचय (Biography of Arvind Kejriwal in Hindi)
वर्तमान समय में दिल्ली की मुख्यमंत्री सीट पर विराजमान अरविंद केजरीवाल जी एक बहुत बड़े जाने-माने राजनीतिज्ञ हैं। आज हम आपको आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी के बारे में विस्तार से बताएंगे। राजनीति में आने से पहले एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे जिन्होंने सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए बेहद कड़ा संघर्ष किया। उन्होंने भारत की जनता के लिए बिना एक राजनीति पद के बहुत काम किए। उन्होंने देश की गरीब और लाचार जनता को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सशक्त बनाया। देश में मौजूदा सरकार को जनता के हितों के लिए जवाबदेह बनाने में बहुत सहयोग दिया। उनके इन कड़े संघर्षों के लिए साल 2006 में उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।
आम आदमी पार्टी का गठन :
2 अक्तूबर 2012 को महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्रों से सजी पृष्ठभूमि वाले मंच से अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब “अण्णा टोपी” भी कहलाने लगी है, पहनी थी। वो शायद वही नारा लिखना पसंद करते जो पूरे “अन्ना आंदोलन” के दौरान टोपियों पर दिखाई देता रहा, “मैं अन्ना हजारे हूं।”
लेकिन उन्हें अन्ना के नाम और तस्वीर के इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है। इसलिए उन्होंने लिखवाया, “मैं आम आदमी हूं।” उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया। आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012, भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।
दिल्ली के मुख्यमन्त्री :
२८ दिसम्बर २०१३ से १४ फ़रवरी २०१४ तक ४९ दिन दिल्ली के मुख्यमन्त्री के रूप में कार्य करते हुए अरविन्द लगातार सुर्खियों में बने रहे। नवभारत टाइम्स ने लिखा – “केजरी सरकार: ऐक्शन, ड्रामा, इमोशन, सस्पेंस का कंप्लीट पैकेज।”
मुख्यमन्त्री बनते ही पहले तो उन्होंने सिक्योरिटी वापस लौटायी। फिर बिजली की दरों में 50% की कटौती की घोषणा कर दी। दिल्ली पुलिस व केन्द्रीय गृह मन्त्रालय के खिलाफ उन्होंने धरना भी दिया। इसके बाद रिटेल सैक्टर में एफडीआई को खारिज किया और सबसे बाद जाते-जाते फरवरी २०१४ में उन्होंने भूतपूर्व व वर्तमान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा व वीरप्पा मोईली तथा भारत के सबे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी व उनकी कम्पनी रिलायंस के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिये।
जनलोकपाल बिल भी एक प्रमुख मुद्दा रहा जिस पर उनका दिल्ली के लेफ्टिनेण्ट गवर्नर, विपक्षी दल भाजपा और यहाँ तक कि समर्थक दल काँग्रेस से भी गतिरोध बना रहा। जनलोकपाल मुद्दे पर हुए आंदोलन से ही अरविन्द पहली बार देश में जाने गये थे। वे इसे कानूनी रूप देने के लिये प्रतिबद्ध थे। प
रन्तु विपक्षी दल कोंग्रेस एवं भाजपा बिल ने बिल को असंवैधानिक बताकर विधानसभा में बिल पेश करने का लगातार विरोध किया। विरोध के चलते १४ फ़रवरी को दिल्ली विधान सभा में यह बिल रखा ही न जा सका। विधान सभा में कांग्रेस और बीजेपी के जनलोकपाल बिल के विरोध में एक हो जाने पर और भ्रष्ट नेताओ पर लगाम कसने वाले इस जनलोकपाल बिल के गिर जाने के बाद उन्होंने नैतिक आधार पर मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफा दे दिया।
सम्मान और पुरस्कार :
2004: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
2005: ‘सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड’, आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु
2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, ‘इन्डियन ऑफ़ द इयर’
2009: विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर।
पुस्तकें :
सूचना का अधिकार: व्यवहारिक मार्गदर्शिका- सह लेखक – विष्णु राजगडिया, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2007 में प्रकाशित।
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Jasus is a Masters in Business Administration by education. After completing her post-graduation, Jasus jumped the journalism bandwagon as a freelance journalist. Soon after that he landed a job of reporter and has been climbing the news industry ladder ever since to reach the post of editor at Our JASUS 007 News.