भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर रह चुके अब्दुल बासित ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल पर बात करते हुए कहा कि भारत को सिखों का पवित्र तीर्थस्थल करतारपुर साहिब ले लेना चाहिए और पाकिस्तान को पूरा कश्मीर दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले सिख अकसर करतारपुर साहिब को वापस लेने की मांग करते हैं मगर ये अब नहीं हो सकता। लेकिन अगर वे कश्मीर के बदले हमसे करतारपुर साहिब मांगे तो इस पर विचार किया जा सकता है। उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब्दुल बासित ने ये भी कहा कि भारत में रहने वाले सिखों को अपना खालिस्तानी मूवमेंट जारी रखना चाहिए। जब उन्हें भारत से आजादी मिल जाएगी वे पाकिस्तान का हिस्सा बन सकते हैं। दरअसल अब्दुल बासित का ये बयान हाल ही में पीएम मोदी के चुनावी रैली में पाकिस्तान को लेकर दिए गए एक बयान के बाद आया है।
पाकिस्तान के पूर्व डिप्लौमेट ने कहा, करतारपुर साहिब के बदले कश्मीर दे भारत, जानिए पूरा मामला
पीएम मोदी ने पटियाला में बीते दिनों कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने सत्ता के लिए भारत का बंटवारा किया। PM ने कहा था कि ये बंटवारा ऐसा था कि 70 साल तक हमें दूरबीन से करतापुर साहिब के दर्शन करने पड़े। जब 1971 में बांग्लादेश की लड़ाई हुई तो 90 हजार से ज्यादा पाक सैनिक सरेंडर कर चुके थे। हुकुम का पत्ता हमारे हाथ में था। अगर उस समय मोदी होता, तो इनसे करतारपुर साहिब लेकर रहता। तब जाकर उन जवानों को छोड़ता। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में रावी नदी के पास स्थित है। इसका इतिहास 500 साल से भी ज्यादा पुराना है। माना जाता है कि 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन के आखिरी साल यहीं बिताए थे और यही पर अपनी देह त्यागी थी। इसलिए, यह शहर सिखों के लिए विशेष महत्व रखता है।