जयशंकर ने संसद में कहा, बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले होना चिंता की बात, जानिए पूरा मामला

बांग्लादेश की स्तिथि पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में बयान दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। वहां के हालात पर भारत सरकार की नजर है। जयशंकर ने आगे कहा कि बांग्लादेश में लोग सड़कों पर हैं। वहां हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। यह चिंता की बात है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी हमला किया, जिसके बाद हालात बिगड़े। उन्होंने यह भी बताया कि इस्तीफे के बाद शेख हसीना ने भारत आने की इजाजत मांगी थी। इसके बाद भारत सरकार ने उनके आने की व्यवस्था की। भारत सरकार बंग्लादेश में अपने नागरिकों के संपर्क में है। इस वक्त वहां करीब 19 हजार भारतीय मौजूद हैं, जिनमें से 9000 छात्र हैं। वहां अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में जो भी सरकार बने उनसे मांग है कि भारत के हाई कमीशन की सुरक्षा की जाए।

राज्यसभा में जयशंकर ने यह भी कहा, ढाका के इंडियन हाई कमिश्नर और चिटगांव के एसोसिएट हाई कमिश्नर हमें लगातार रिपोर्ट भेज रहे हैं। हम बांग्लादेश में अल्पंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बीते 24 घंटे के दौरान वहां काफी कुछ बदल गया है। यह बहुत ही संवेदनशील मसला है। हम सदन से इस मसले पर सहयोग चाहते हैं। बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से ही वहां टेंशन है। बांग्लादेश में हिंसा जून जुलाई में हु़ई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे। सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले चिंता के विषय है। शेख हसीना फिलहाल के लिए भारत में हैं। हम भारतीय कम्युनिटी के टच में है। कई स्टूडेंट लौटे हैं। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा मुहैया करवाएंगे।

तो वहीं, केंद्र सरकार ने संसद भवन में सर्वदलीय बैठक की। विदेश मंत्री एय जयशंकर ने सभी पार्टी के नेताओं को पड़ोसी देश में मौजूदा हालात की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, बैठक में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र से पूछा कि क्या बांग्लादेश हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों, खासकर पाकिस्तान का हाथ हो सकता है? सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के एक डिप्लोमेट सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल फोटो पर लगातार बांग्लादेश में हिंसा की तस्वीरें लगा रहे थे। इसलिए इस एंगल की जांच की जा रही है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दलों के नेता शामिल हुए।