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मणिपुर में एक बार फिर हिंसा, दो लोगों की हुई मौत, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अप्रैल,  मणिपुर में एक बार फिर हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। पूर्वी इंफाल और कांगपोकपी जिले के बीच सटे मोइरंगपुरेल इलाके में हथियारबंद दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई। बताया गया है कि जिन लोगों की मौत हुई है वे दोनों कुकी समुदाय से हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के चलते आदर्श आचार संहिता लागू है, लेकिन बीते दो दिन से मणिपुर में अलग-अलग इलाकों में गोलीबारी की घटनाएं हुई है। दरअसल, मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

तो वहीं, मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं। इंफाल वैली में मैतेई बहुल है, ऐसे में यहां रहने वाले कुकी लोग आसपास के पहाड़ी इलाकों में बने कैंप में रह रहे हैं, जहां उनके समुदाय के लोग बहुसंख्यक हैं। जबकि, पहाड़ी इलाकों के मैतेई लोग अपना घर छोड़कर इंफाल वैली में बनाए गए कैंपों में रह रहे हैं। आपको बता दें, गृह मंत्री अमित शाह का 15 अप्रैल को मणिपुर दौरा है। ऐसे में ताजा हिंसा के कारण तनाव का माहौल हो गया है। वहीं, 19 अप्रैल को पहले फेज में इनर और आउटर मणिपुर लोकसभा सीट के लिए वोटिंग होनी है। केंद्र सरकार ने सुरक्षाबल की तैनाती भी की है। इसके बावजूद हिंसा हो रही है।

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा, दो लोगों की हुई मौत, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मणिपुर में एक बार फिर हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। पूर्वी इंफाल और कांगपोकपी जिले के बीच सटे मोइरंगपुरेल इलाके में हथियारबंद दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई। बताया गया है कि जिन लोगों की मौत हुई है वे दोनों कुकी समुदाय से हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के चलते आदर्श आचार संहिता लागू है, लेकिन बीते दो दिन से मणिपुर में अलग-अलग इलाकों में गोलीबारी की घटनाएं हुई है। दरअसल, मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

तो वहीं, मणिपुर में अब तक 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं। पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं। इंफाल वैली में मैतेई बहुल है, ऐसे में यहां रहने वाले कुकी लोग आसपास के पहाड़ी इलाकों में बने कैंप में रह रहे हैं, जहां उनके समुदाय के लोग बहुसंख्यक हैं। जबकि, पहाड़ी इलाकों के मैतेई लोग अपना घर छोड़कर इंफाल वैली में बनाए गए कैंपों में रह रहे हैं। आपको बता दें, गृह मंत्री अमित शाह का 15 अप्रैल को मणिपुर दौरा है। ऐसे में ताजा हिंसा के कारण तनाव का माहौल हो गया है। वहीं, 19 अप्रैल को पहले फेज में इनर और आउटर मणिपुर लोकसभा सीट के लिए वोटिंग होनी है। केंद्र सरकार ने सुरक्षाबल की तैनाती भी की है। इसके बावजूद हिंसा हो रही है।

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