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जसप्रीत बुमराह की संघर्ष भरी कहानी ! कैसे बने IPL और इंडियन क्रिकेट के हीरो ! JASPRIT BUMRAH

मुंबई : जसप्रीत बुमराह संघर्ष भरी जिंदगी के से निकले एक कोहिनूर हिरा हे हां पर बिल्कुल सटीक बैठता है तो यह गलत नहीं होगा क्योंकि तेज बॉलिंग के क्षेत्र में हमेशा से ही पीछे रहने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को एक नई ताकत देने वाले जसप्रीत बुमराह का अभी तक का यह सफर इतना आसान नहीं था क्योंकि एक मिडिल क्लास फैमिली में पैदा होने के बाद जब घर के मुखिया के मृत्यु बहुत जल्दी हो जाए ना तो फिर जिंदगी रुक जाती है लेकिन किस तरह से अपने संघर्ष के दम पर बुमराह ने सफलता पाई आज के इस POST में हम यही जानेंगे तो चलिए ठीक है और तो रोजगार से किसी भी बल्लेबाज को तेज रफ्तार से किसी भी बल्लेबाज को परेशान करने वाली बॉलर बुमराह के लाइफ स्टोरी को हम शुरू से जानने की कोशिश करते हैं कहानी की शुरुआत होती है 6 दिसंबर 1993 से जब गुजरात के अहमदाबाद में जसप्रीत बुमराह का जन्म हुआ उनके पिता का नाम जसवीर सिंह था जो कि पेशे से एक बिजनेसमैन थे और उनकी मां का नाम दलजीत को जो कि एक स्कूल में बतौर प्रिंसिपल काम किया करती थी और इसके अलावा जसप्रीत के फैमिली में उनका नाम जुड़ा है और जो शुरू से ही खेलों में काफी दिलचस्पी थी और खास को सबसे ज्यादा पसंद करते थे और बच्चों को बैटिंग करना ज्यादा पसंद होता है वही करने का शौक था और अपने खेल को ज्यादा आसानी से आगे ले जा सकते स्कूल की पढ़ाई निर्माण हाई स्कूल की प्रिंसिपल के तौर पर एक गंभीर बीमारी की वजह से अपने पिता को खो दिया और इन परिस्थितियों में आप सभी लोगों को बहुत ही गहरा सदमा पहुंचा बहुत ही जल्द खुद को संभाला और अपने बच्चों के भविष्य को बनाने में और फिर समय के साथ जसप्रीत बुमराह का भी क्रिकेट में बढ़ता गया और 14 साल की उम्र में उन्होंने अपने मां के सामने जाहिर की कि यहां पर पहले तो उनकी मां ने साफ साफ मना कर दिया क्योंकि वह जानती थी कि भारत के अंदर खेल में कितना ज्यादा है लेकिन जब उन्होंने खेल का पागलपन देखो तब वह भी शानदार बॉलिंग से इतना प्रभावित किया और आपको बता दें कि आपके लिए कोचिंग सेंटर है जहां पर अनुभवी यहां पर अपना पहला मैच विदर्भ क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने फर्स्ट क्लासकोच फाउंडेशन नहीं भारतीय क्रिकेट को इरफान पठान और यहां पर आकर को देखते हुए !

आगे चलकर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी दे उनके शानदार खेल को देखते हुए 2013 में जॉन राइट ने उन्हें आईपीएल के अंदर मुंबई इंडियंस की टीम में खिलाने का निर्णय लें और इस तरह से 19 साल की उम्र में जसप्रीत ने इंडियन प्रीमियर लीग में अपना डेब्यू किया और यहां भी उन्होंने आरसीबी के खिलाफ खेलते हुए अपने डेब्यू मैच में ही 3 विकेट लेकर खुद के सिलेक्शन को सही ठहराया हालांकि उन्हें साहित्य के दो मैचों में खेलने का मौका मिला था और फिर अगले साल यानी कि 2014 की आईपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से ही खेलते हुए दिखाई दिए जहां पर उनका फॉर्म ठीक-ठाक रहा और उन्होंने 11 मैचों में कुल 15 मी की वजह से तो नहीं खेल सके थे लेकिन काफी शानदार रहा और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईपीएल मैच मुंबई इंडियंस की तरफ से ही खेलते हुए दिखाई दिए जहां पर उनका परफॉर्मेंस दी ठीक-ठाक रहा और उन्होंने 11 मैचों में कुल 5 विकेट लिए हालांकि 2015 में इंजीनियर की वजह से वह आईपीएल का मैच तो नहीं खेल सके थे लेकिन घरेलू परफारमेंस उनका काफी शानदार रहा और इसी वजह से 27 जनवरी 2016 को भारत के नेशनल टीम से T20 मैच खेलने का उन्हें मौका मिला और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना T20 दिया था और यहां पर एक मौका मिलने के बाद बहुत ही जल्द भारतीय टीम T20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी खेलने लगी पहले नंबर पर बने हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में भी आप उनके परफॉर्मेंस को तो देख ही रहे और अंत में यही कहना चाहता हूं यह काम परिवार में पैदा होने के बाद मुश्किल परिस्थितियों से उभर कर जिस तरह से सफलता पाई वह काबिले तारीफ है और आगे भी हम इनके सफल कैरियर की कामना करते हैं क्योंकि अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है अभी तो इस परिंदे का इंतिहान बाकी है

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