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जहांगीरपुरी हिंसा मामले में कार्यवाही करते हुए चलाया जा रहा बुलडोजर, जानिए किसके घर होंगे तबाह

मुंबई, 20 अप्रैल, – दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।जिसके तहत निगम का बुलडोजर दस्ता पहुंच गया है। तो वही यह अवैध निर्माण हटाने का ऑपरेशन आज और कल MCD द्वारा चलाया जा रहा है। उसी जगह पर कार्रवाई की जा रही है, जहां हनुमान जयंती के दिन हिंसा हुई थी। इस कार्यवाही के लिए भारी तादाद में पुलिस फोर्स और सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है। इसी मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर भी सवाल करते हुए कहा कि भाजपा ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है।

बड़े अपडेट –

कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने भी कार्रवाई पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि नफरत का बुलडोजर चलाना बंद करो, पावर प्लांट शुरू किया जाए।
नॉर्थ MCD के मेयर ने अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि जो भी एक्शन लिया जा रहा है, वो नियमों के मुताबिक है।
अवैध अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई से पहले दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने फ्लैग मार्च किया। जगह-जगह जवान तैनात कर दिए गए हैं।

क्या था मामला और क्या कार्यवाही की गई

आपको ज्ञात हो जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अभी तक कुल 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है, साथ ही 2 नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। हिंसा में 8 पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हो गए थे। 16 अप्रैल को जनुमान जयंती के जुलूस में जामा मस्जिद के पास हुई मामूली बहस ने हिंसा का रूप ले लिया था। देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया और शोभायात्रा में भगदड़ मच गई।

पुलिस मौके पर होती, तो हिंसा नहीं होती

जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के एक प्रतिनिधिमंडल ने जहांगीरपुरी हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय से मुलाकात की। JIH ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की ढ़िलाई को वजह बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक पहले से रची गई साजिश थी। हिंसा से पहले 2 बार जुलूस निकाला जा चुका था। फिर भी इफ्तार और नमाज के ठीक समय तीसरा जुलूस निकाला गया। पुलिस की अनुमति के बिना ये जुलूस निकाले गए। जुलूस में शामिल लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे। कुछ लोग हथियारों का प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दिल्ली पुलिस लापता था, अगर पुलिस बल मौके पर मौजूद होता तो हिंसा नहीं होती।

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