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Delhi Budget 2022 : दिल्ली सरकार ने अगले पांच सालों में 20 लाख जॉब देने का किया वादा

नई दिल्ली, 26 मार्च – दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज शनिवार 26 मार्च को दिल्ली राज्य का बजट (Delhi Budget 2022) पेश किया। दिल्ली सरकार का साल 2022-23 का बजट 75,800 करोड़ रूपए का है जो 2014-15 के 30,940 करोड़ रूपए के बजट से ढाई गुणा बड़ा है।

दिल्ली सरकार का साल 2022-23 का बजट (Delhi Budget 2022) पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल के बजट को ‘रोजगार बजट’ (Rozgar Budget) कहा जाता है! हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों में दिल्ली में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करना है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि देश में पहली बार: Employment Audit होगा, जिसके तहत बजट के खर्च होने वाले 1-1 रूपए का Audit होगा। देखा जाएगा कि जनता के Tax के पैसे से हो रहे काम में कितने लोगों को रोजगार मिला।

मनीष सिसोदिया ने बजट (Delhi Budget 2022) पेश करते हुए आगे कहा कि दिल्ली में दुनिया के आने और खरीदारी करने के लिए हर साल ‘दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल’ आयोजित किया जाएगा,जिसमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए दिल्ली के प्रतिष्ठित बाजारों को बदल दिया जाएगा। इससे अगले 5 साल में 1.5 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। इससे पर्यटकों की संख्या में 4 लाख की वृद्धि होगी। अगले 5 वर्षों में खुदरा क्षेत्र में 3 लाख नौकरियां पैदा करेगा।

इसके साथ ही युवाओं, विशेषकर महिलाओं को कम से कम 1 लाख नौकरियां/वर्ष क्रिएट की जाएगी। मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब तक महिलाओं को पर्याप्त रोजगार के अवसर नहीं दिए जाते, भारत एक विकसित देश नहीं बन सकता।

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली अब भारत की स्टार्ट-अप राजधानी है। हमारी स्टार्ट-अप नीति युवा उद्यमियों के लिए सभी बाधाओं को दूर करेगी। साथ ही दिल्ली को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में बढ़ावा देने के लिए ‘दिल्ली फिल्म नीति’। हर साल होगा दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन! सरकार एक अनोखी “फूड ट्रक पॉलिसी पेश करेगी। फूड ट्रक सर्विस दिल्ली में रात 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। स्मार्ट अर्बन फार्मिंग के लिए भी फंड जारी किए जाएंगे।
बजट (Delhi Budget 2022) पर बोलते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 1.68 करोड़ दिल्लीवासी नौकरी करने के लिए उपयुक्त है, लेकिन वर्तमान में उनमें से केवल 1/3 ही कार्यरत हैं। हमारा लक्ष्य नियोजित लोगों की संख्या को कम से कम 12% – 33% से 45% तक बढ़ाना है।

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