Site icon JASUS007

TURKEY Ertugrul gazi कोने थे ! उनकी कहानी और इतिहास ! TURKEY HISTORY HINDI !

अंकारा : इरतुगल गाज़ी के बेटे #Osman ने इस्लाम की सबसे बड़ी और मजबूत सल्तनत कायम की जिसे हम और आप सल्तनत ए उस्मानिया के नाम से जानते है।
#Ertugrul_Ghazi की नस्ले बहुत मेहनत और कुर्बानी से ये सल्तनत बनाई थी ! जिससे पूरी दुनिया में इस्लाम का प्रचम जोर-शोर से लहराने लगा। इस सल्तनत को इस्लामिक केन्द्र कहाँ जाता है। 1299 ईश्वी में Ertugrul Ghazi के बेटे Osman द्वारा सल्तनत ए उस्मानिया की बुनियाद रखी गई, जो 1923 ईश्वी में कुछ बेईमान गद्दार मुसलमानों को ब्रिटिश हुकूमत ने अपने साजिसो में जकड़कर लालच का हवाला देकर इस सल्तनत का खात्मा कर दिया गया।

 

Ertugrul gazi इस राजा के मकबरे के आगे आज भी खड़े रहते हैं सैनिक जानिए कियु ! CLICK HERE

Ertugrul ghazi और विराट कोहली एक जैसे दिखते हैं ! ये पाकिस्तानी क्रिकेटर ने शेर की तस्वीर !

DOWNLOAD JASUS007 APP CLICK HERE 

ये भी पढ़े : Ertugrul ghazi से कियु डरते हे अमेरिका राष्ट्रपति ट्रम्प और इजरायल देश !

 

आने वाले वक्त में इस सल्तनत को फिर तय्यप एर्दगान साहब इंशाअल्लाह उसे वापस बनाएंगे। और हम तय्यप एर्दगान साहब के साथ हमेशा है,
Ertugrul Ghazi की तारीखि या सीरीज़ ड्रामा जो नौजवानों मुसलमानों को तारीख बताने के लिए बनाई गई उसकी खिलाफत करने से पहले उनकी तारीख और उनके बाद कि तारीख याद करे !! क्या हुआ जब सल्तनत को खत्म किया गया था !!

 

जानिए कि ERTUGRUL GHAZI मौत कैसे हुवी और उनका मकबरा कहाँ पर हे !

WATCH VIDEO !

ERTUGRUL GHAZI TOMB VILLAGE ! Ottoman Empire ! Birthplace


3 मार्च 1924 को खिलाफत का अंत होते ही वर्तमान समय के तुर्की ?? का जन्म हुआ है कमाल अतातुर्क ने तमाम ऐसे कानून बनायें थे जो इस्लाम का दमन कर रहे थे ,
मुल्क में मदरसे बंद कर दियें गये थे ,मज़हबी पहनावे पे पाबंदी थी ,अज़ान को अरबी से टर्किश में देना अनिवार्य कर दिया गया था .

लेकिन अतातुर्क के जाने के काफी समय बाद रेसेप तय्यिप #एरदोगान तुर्की ?? ?? में एक मजबूत नेता बन कर उभरते है उनके शासन में तुर्की का इस्लामीकरण तेज़ी से हुआ है .
इन सात वजहों से माना जा रहा है कि तुर्की में इस हुकुमत ने इस्लामीकरण तेज़ी से किया है .

 

1-मस्जिदों का निर्माण !

2002 से 2013 के बीच एर्दगान हुकुमत में 17,000 मस्जिदे सरकार द्वारा बनवाई गयी उसके बाद ये संख्या दुगनी कर दी गयी .ओटोमन एम्पायर की समय की मस्जिदों की मरम्मत भी सरकार ने करवाई .

2-हिजाब से प्रतिबंध हटाया गया !

एर्दगान सरकार ने देश में लगे हिजाब से प्रतिबंध को हटा दिया ,नवम्बर 2015 को देश में पहली बार कोई महिला जज हिजाब पहने नज़र आई ,अगस्त 2015 को अय्सेन गुर्कां पहली हिजाब पहनने वाली महिला मिनिस्टर बनी .

3-इमाम की ट्रेंनिंग देने वाले स्कूल में दस गुना दाखिले हुयें !

तुर्की में इमाम हातिप स्कूल मज़हबी तालीम और इमामत सिखाने वाला इदारा है .अतातुर्क ने मदरसे बंद करके इसकी स्थापना की थी .2002 में इन स्कूलो में 65000 छात्र थे जो अब 700000 को पार कर गया .

4-मज़हबी तालीम को अनिवार्य बनाना !

तुर्की के सभी स्कूलो में मज़हब की तालीम ज़रूरी करार देने से मुल्क में इस्लाम फला फुला है ,पैगम्बर मुहम्मद की जीवनी और कुरान को पढाया जा रहा है

नास्तिको के आपत्ति जताने पे राष्टपति एर्दगान ने कुछ इस तरह जावाब दिया .
“हम मज़हबी नौज़वान चाहते है , क्या आप उम्मीद करते है कि AK पार्टी आने वाली पीढी को नास्तिक बनाएगी ,ये आप का मिशन होगा लेकिन हमारा ये मिशन नही है . हम संकीर्ण है और देश में आने वाली पीढी को लोकतान्त्रिक और धार्मिक बनाना चाहते है जो कि नैतिक मूल्यों वाली हो ”

5 कुरान पढ़ने की बाध्यता समाप्त करना !

अतातुर्क ने तुर्की में कुरान पढ़ने के लियें कम से कम 12 साल की उम्र तय कर दी थी, अब इस नियम को खत्म कर दिया गया है जिससे बच्चो के कुरान पढने का रास्ता साफ़ हो गया .

6.शराब की बिक्री सरकारी जगहों / मज़हबी स्थलों पर बंद कर दी गया  !

जिस देश में शराब बिक्री आम हो गयी थी वहां पे जस्टिस और डेवलपमेंट पार्टी की सरकार ने एक बिल द्वारा स्कूल ,मस्जिद और सरकारी कार्यालयों के एलावा पब्लिक स्थानों पे शराब की बिक्री पे बैन लगा दी गयी .रात में 10 बजे के बाद सभी स्थानों पे बैन लगा दिया गया है .

7- इस्लामिक बैंकिंग !

इस्लामिक बैंकिंग को तुर्की में आम किया जा रहा है जिरात इस्लामिक बैंक जोकि देश में लांच किया जा चुका है 2018 तक 170 ब्रांच खोले गए है।

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दगान ने अपनी एक स्पीच में ब्याज वाले बैंकिंग सिस्टम को गलत बताया और इस्लामिक बैकिंग के फायदे गिनाए.

वो सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रवादी कविताएं पढ़ते हैं जिनमें ये लाइनें भी शामिल हैं: “मस्जिदें हमारे बैरेक हैं, गुम्बद हमारे कवच, मीनारें हमारी संगीन और सैनिक हमारे वफ़ादार.”

अगर आज तुर्की मे दुबारा से इस्लाम ज़िंदा है या तुर्की मे एक इस्लामपसंद पार्टी हुकूमत कर रही है तो वो सिर्फ़ और सिर्फ़ एक मर्दे मुजाहिद के कारण जिसने पूरी ज़िंदगी संघर्ष किया और इस्लाम व मुसलमानो के लिये अपनी ज़िंदगी का अधिकतर वक़्त जेल में ही गुजारा।

Exit mobile version